दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत हुए सामूहिक विवाह कार्यक्रम में नक्सली जोड़े का विवाह कराया गया। सामूहिक विवाह में जब दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई तो पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। बता दे कि नवविवाहित जोड़ा पूर्व में नक्सली संगठन में सक्रिय था।
कहते है प्यार अच्छे-अच्छे लोगों को अपना रास्ता बदलने पर मजबूर कर देता है। ऐसा ही कुछ हुआ माड़ा मड़कामी और उनकी पत्नी कुहरामी आयते के साथ। दरअसल माड़ा और कुहरामी सालों से नक्सली संगठन में सक्रिय रहे है। पुलिस ने माड़ा पर पांच लाख रुपए और कुहरामी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था।
माड़ा दंतेवाड़ा के कटेकल्याण ब्लॉक मुनगा गांव का रहने वाला है जबकि कुहरामी सुकमा के मेटापाल गांव की है। इन दोनों की मुलाकात नक्सलियों की कांगेर घाटी एरिया कमेटी में काम करने के दौरान हुई। इस दौरान दोनों के बीच प्यार हुआ और इन्होने शादी करने का फैसला लिया। लेकिन समस्या यह थी कि नक्सली संगठन में शादी और प्यार करने की इजाजत नहीं होती है।
ऐसे में दोनों ने भागने की योजना बनाई। सबसे पहले अगस्त 2018 में कुहरामी ने तोंगपाल थाने में सरेंडर किया। इसके बाद माड़ा को सरेंडर करना था, लेकिन उसे भागने का मौका नहीं मिल रहा था। इससे कुहरामी बेचैन रहने लगी क्योंकि वह माड़ा से सम्पर्क भी नहीं कर पा रही थी। आख़िरकार सवा साल बाद दिसंबर 2019 में माड़ा ने दंतेवाड़ा एसपी के पास पहुंचकर सरेंडर किया।
सरेंडर करने के बाद से ही माड़ा दंतेवाड़ा पुलिस लाइन में जबकि कुहरामी तोंगपाल थाने में रह रही है। बीते दिनों जब माड़ा को दंतेवाड़ा में होने वाले मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का पता चला तो उसने एसपी पल्लव से शादी कराने की गुहार लगाई। इस पर एसपी पल्लव ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से नक्सली जोड़े का विवाह कराने को कहा।