November 28, 2024

नया भारत और झोपड़े में लगता स्कूल

गुना। क्या हम कल्पना कर सकते है कि 21वीं सदी के नए भारत में जहां शिक्षा के नाम पर सरकारें करोड़ो रुपए खर्च करती है, वहां झोपडी में स्कूल का संचालन हो रहा है।

सरकारी तंत्र का मजाक उड़ाती यह तस्वीरें गुना जिले के बमोरी से करीब 30 किलोमीटर दूर काली बीच गांव की है। यहां बांस से बनी झोपडी में बच्चों को पढाया जाता है। यहां न पीने के पानी की व्यवस्था है और न शौचालय की।

गांव में यह व्यवस्था भी हाल ही में हुई है। गांव वालों ने बांस का इंतजाम किया और अध्यापक ने तिरपाल ख़रीदा। सुख भील नाम के किसान ने अपनी जमीन उपलब्ध कराई। इसके बाद कहीं जाकर एक झोपड़ा तैयार हुआ। अब इस झोपड़े में सहायक अध्यापक लक्ष्मी नारायण साहू बच्चों को पढ़ाते है।

अध्यापक का कहना है कि भवन के लिए कई बार पंचायत को पत्र लिख चुके हैं लेकिन काम अभी तक नहीं हुआ है। झोपड़े में स्कूल लगने के कारण बारिश होते ही छुट्टी करनी पड़ती है। पानी लाने के लिए भी तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

इस क्षेत्र की यह हालत तब है जब यहां के विधायक महेंद्र सिंह सिसोदिया प्रदेश सरकार में श्रम मंत्री है। और पूर्व विधायक कन्हैया लाल अग्रवाल भी पूर्व सरकार में राज्य मंत्री रह चुके है।

Written by XT Correspondent