एक्सपोज़ टुडे,इंदौर।
1 जून को आजादी (Freedom) की तारीख मानकर ऑफिस (office), दफ्तर, दुकान (shop) जाने की तैयारी में बैठे लोगों के लिए यह उम्मीद की तारीख कुछ खास राहत (relief) लेकर आती नजर नहीं आ रही है। कोरोना संक्रमण (corona transition) से घबराए नेता और प्रशासन फिलहाल कोई खास राहत देने की स्थिति में नहीं हैं। अनलॉक (unlock) के पहले चरण में फिलहाल गरीब वर्गों को रोजगार देने वाले उपक्रम और आम लोगों को राहत देने वाले बाजार खोले जाएंगे। वहीं इन दोनों ही क्षेत्रों से जुड़े थोक बाजारों से होम डिलीवरी की राहत दी जाएगी। इसके साथ ही खेती से जुड़ी खाद, बीज, कृषि उपकरण की दुकानें भी कल से खुली नजर आएंगी।
मुख्यमंत्री द्वारा 1 जून से अनलॉक (unlock) किए जाने की घोषणा के बाद ऑफिस, दफ्तर से लेकर सभी दुकानदार बड़ी राहत की उम्मीद में थे, लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर-भोपाल (indore-bhopal) में संक्रमण की स्थिति को लेकर प्रशासन और सरकार ज्यादा चिंतित है। इस कारण दोनों ही शहरों में तत्काल किसी बड़ी राहत के बजाय धीरे-धीरे शहर खोले जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें मजदूर और रोजगार के साथ ही आम लोगों की जरूरतों की दुकानों को खोला जाएगा। बाद में स्थिति देखकर अन्य राहत शुरू की जाएगी।
मध्यप्रदेश में 7 जिलों को छोडक़र सभी जिलों में ज्यादा राहत… दफ्तर खुलेंगे
मध्यप्रदेश में सभी सरकारी अफसरों के साथ ही आधे कर्मचारियों को कार्यालय आने के आदेश दिए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री द्वारा आज सभी जिलों की आपदा प्रबंधन समिति के सदस्यों से चर्चा की जाएगी और उसके बाद राहत के चरणों की घोषणा की जाएगी। प्रदेश के 52 में से 45 जिलों में दुकान, बाजार खोलने की उम्मीद है, वहीं इंदौर सहित 7 जिलों के लिए चरणबद्ध राहत पर चर्चा की जाएगी।
सियागंज से भी होम डिलेवरी
प्रशासन और सरकार की मंशा है कि सबसे पहले मजदूरों से जुड़े निर्माण क्षेत्रों को राहत प्रदान की जाए, लेकिन निर्माण क्षेत्रों के लिए आवश्यक सामग्री सियागंज जैसे बाजारों में उपलब्ध होती है, लेकिन इन बाजारों में भीड़ के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूर्ण राहत के बजाय यहां से होम डिलीवरी की सुविधा दी जा सकती है। इसके अलावा मैकेनिक, लेथ मशीन आदि की दुकानें भी खोली जा सकती हैं। साथ ही रेत, सीमेंट, सरिया, स्टील क्षेत्रों के बारे में भी विचार किया जाएगा।
सैम्पलिंग, वैक्सीनेशन और मानीटरिंग पर रहेगा जोर
कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) के मुताबिक अनलॉक (unlock) की प्रक्रिया कल से पर्याप्त सावधानी के साथ की जाएगी। सैम्पलिंग, वैक्सीनेशन और मानीटरिंग पर अधिक जोर रहेगा। रोजाना 8 से 10 हजार कोरोना सैम्पलों की जांच के साथ ही जोखिम वाले लोगों का अधिक से अधिक वैक्सीनेशन भी कराया जाएगा। इस संबंध में शासन ने दिशा-निर्देश भी भिजवाए हैं। वहीं शहर से लेकर गांवों तक जो आपदा प्रबंधन समितियां बनी हैं, उनके जरिए लगातार मॉनीटरिंग भी की जाएगी, ताकि एक बार फिर शहर आने वाले दिनों में अधिक संक्रमित न हो। जनप्रतिनिधि, जनता, प्रशासन सब मिलकर कोरोना नियंत्रण की जिम्मेदारी और मापदण्डों का पालन करेंगे। कोरोना कफ्र्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जिस तरह सिंधी कालोनी के व्यापारियों को सेंट्रल जेल भेजा उसी तरह अब अन्य के साथ भी ऐसी सख्ती रहेगी। मास्क सबके लिए जरूरी है।
भीड़ मंजूर नहीं…न प्रशासन… न नेता चाहते हैं रिस्क लेना …
इंदौर-भोपाल (indore-bhopal) में बढ़ते संक्रमण की स्थिति को देखकर सरकार से लेकर प्रशासन और स्थानीय नेता भी भारी चिंता की स्थिति में हैं, इसलिए भीड़ बढ़ाने वाले किसी भी क्षेत्र को फिलहाल राहत दिए जाने के पक्ष में कोई भी नहीं है। कोरोना (Corona) की दूसरी लहर के प्रारंभिक दौर में मध्यप्रदेश देश के सर्वाधिक संक्रमित राज्यों की सूची में शामिल था और उसमें भी इंदौर और भोपाल में बड़ी तादाद में मरीज मिलने से स्थिति अनियंत्रित हुई थी।