देवास, द टेलीप्रिंटर। देवास जिले के हाटपिपल्या तहसील के ग्राम पंचायत टप्पा से लगे गांव चाकरपुरा गांव के लोग इन दिनों परेशानी में है। चाकरपुरा गांव के लोग यदि बीमार हो जाए तो उन्हें खटिया से चाकरपुरा से टप्पा तक आना पड़ता है। इसके अलावा अन्य दूसरी परेशानी आ जाए तो टप्पा से चाकरपुरा तक के तीन किलोमीटर मार्ग में पानी भरने के कारण तमाम परेशानियों से जूझना होता है। टप्पा से चाकरपुरा के बीच तीन किलोमीटर के रास्ते में मऊ नदी बहती है और यहां पुलिया ना होने के कारण कमर तक पानी भर जाता है। इस बीच पुलिया ना होने से पानी के बीच से लोगों को निकालना मजबूरी है।
गुरुवार को एक बालक की मौत हो जाने के बाद टप्पा से चाकरपुरा गांव तक बालक के शव को एक खटिया पर ले जाना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को चाकरपुरा गांव के ग्रामीण ज्ञानसिंह के बेटे गब्बर की मौत इंदौर में इलाज के दौरान हो गई। इंदौर से जब बच्चे के शव को चाकरपुरा गांव तक लाया जा रहा था तो उस दौरान शव वाहन से टप्पा गांव तक तो वाहन आ गया गया लेकिन आगे का रास्ता मऊ नदी के पानी के कारण बंद होने से शव को गांव टप्पा से चाकरपुरा तक ले जाने के लिए खटिया का सहारा लेना पड़ा। लोग कमर तक पानी के बीच खटिया पर शव को रखकर गांव तक पहुंचे।
समय पर नहीं मिल पाया बच्चे को इलाज
गांव के जिस 7 वर्षीय बालक गब्बर की मौत हुई है उसका कुछ दिनों पहले इंदौर में इलाज चल रहा था। इंदौर में दिखाए जाने के बाद परिजन बालक को लेकर गांव चले आए लेकिन कुछ दिन पहले जब तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर गांव में दो दिन तक उसे इलाज नहीं मिल पाया। नदी पर पानी ज्यादा होने से परिजन बालक को इंदौर नहीं ले जा पाए। बाद में जब इंदौर अस्पताल पहुंचे तो वहां उसकी मौत हो गई। बालक के पिता का कहना है कि इलाज के लिए देरी से पहुंचने के कारण बालक की हालत बिगड़ गई क्योंकि नदी पर पानी चढ़ा हुआ था।
बीमार हो जाएं तो भी खटिया का सहारा
चाकरपुरा गांव के लोगों ने बताया कि मऊ नदी पर पुलिया ना होने से पानी के बीच लोगों को निकलना पड़ता है। पुलिया ना होने से जब पानी का जमाव हो जाता है तो लोगों को कमर तक पानी के बीच खटिया के सहारे बीमार लोगों को गांव से टप्पा तक लाना पड़ता है। लोगों ने बताया कि गंभीर बीमार की दशा में तो कई लोगों की मौत तक हो चुकी है फिर भी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।
नेता दे देते हैं आश्वासन लेकिन नहीं बनवाते पुलिया
विधानसभा चुनाव के समय इस गांव के ग्रामीणों ने मऊ नदी पर पुलिया बनाए जाने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार की धमकी दी थी लेकिन बाद में आश्वासन मिलने पर लोग मान गए। आश्वासन दिए जाने के बाद भी अभी तक पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है। ग्रामीण गंगाराम परमार, नरपत सिंह, दिनेश, ज्ञान सिंह, अंकित, अजय सिंह आदि ने बताया कि विधानसभा चुनाव के समय पुलिया बनाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन अभी तक इस पुलिया का निर्माण नदी पर नहीं हो पाया जिससे आवागमन में परेशानी हो रही है।