एक्सपोज़ टुडे।
अब इंदौर पुलिस के अधिकारियों से भी पढ़ेगें, देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स।
यूजीसी ने साइबर सिक्योरिटी कोर्सेज कराने के लिए पहली बार एक सिलेबस निर्धारित किया गया है। जिसके तहत दीनदयाल उपाध्याय कौशल केन्द्र, देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी द्वारा पहली बार साइबर सुरक्षा पर आधारित एक अंडर ग्रैजुएट विशेष कोर्स मध्यप्रदेश पुलिस के साथ मिलकर शुरू किया जा रहा है, जिसमें पुलिस विभाग का भी विशेष सहयोग रहेगा।
कोर्स का उद्घाटन 6 फरवरी 2023 को पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर हरिनारायणाचारी मिश्र एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की कुलपति डॉ. रेणु जैन की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर अति. पुलिस उपायुक्त मुख्यालया इंदौर मनीषा पाठक सोनी, दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास केंद्र की डॉ. माया इंगले, प्रो. आशुतोष मिश्रा, प्रो. संजीव टोककर, डॉ. अजय तिवारी, एसीपी साइबर श्री निमेश देशमुख, एसीपी क्राइम सुश्री सौम्या अग्रवाल सहित सहित यूनिवर्सिटी का अन्य स्टाफ एवं लगभग 200 विद्यार्थी भी उपस्थित रहें।
प्रारंभ में स्वागत भाषण विभाग की निदेशक डॉ. माया इंगले द्वारा दिया गया। विशेष रूप से UGC द्वारा प्राप्त स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस प्रायोगिक रूप से किस तरह से मददगार साबित हो सकती है।
विश्वविघालय द्वारा शुरू किये जा रहे उक्त नये कोर्स के संबंध में कुलपति डाॅ. रेणु जैन द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि यूनिवर्सिटी के विषय विशेषज्ञों के साथ ही इस कोर्स में पुलिस विभाग के अधिकारी भी यहां आकर छात्रों को साइबर क्राइम की बारिकियों के बारे में पढ़ाएगें। इस प्रशिक्षण के सफल होने पर पोस्ट ग्रैजुएट लेवल पर भी यह प्रशिक्षण आरंभ किया जाएगा।
वर्तमान में विभिन्न कोर्सेज कर रहे स्टूडेंट्स पार्ट टाइम इस कोर्स को करेंगे। शनिवार रविवार को सिर्फ क्लास होगी जिसमें पुलिस अधिकारी क्लास में विघार्थियों को वर्तमान समय में होने वाले साइबर क्राइम के बारें में उन्हें जानकारी देगें।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र ने अपने उद्बोधन में सभी से कहा कि वर्तमान समय के तकनीकी दौर में जिस प्रकार से हर चीज का डिजटलाईजेशन हो रहा है तो अपराधी भी नई तकनीकों का उपयोग कर, नित नये तरीकों से साइबर अपराधों को अंजाम दे रहे है, लेकिन पुलिस भी इन चुनौतियों का सामना कर इन अपराधों पर अंकुश लगाने की कड़ी कार्यवाही कर रही है और करोड़ों रुपए की राशि भी इनसे वापस फरियादियों तक पहुंचाई है। उन्होेनें कहा कि यूनिवर्सिटी द्वारा यह कोर्स आरंभ किया गया है, जो स्वागत योग्य है। मध्य प्रदेश पुलिस इसमे पूर्ण रूप से सहयोग देगी।
चूंकि इन साइबर अपराधों से पुलिस का रोज ही सामना होता है, तो इनका पुलिस से अच्छा प्रैक्टिकल नाॅलेज और कोई नहीं दे सकता। पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी से समय निकालकर आपकी लगने वाली क्लासेस में आएगें और साइबर अपराधों की बारिकियों एवं इनकों किस प्रकार रोक सकते है आदि जानकारी के साथ ही आपकों विभिन्न केसों के प्रैक्टिकल अनुभवों से भी आपका ज्ञान बढ़ाने का प्रयास करेगें। आपकों थ्योरी की कक्षाओं के साथ ही प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए भी पुलिस की लैब व शाखाओं में विजिट भी कराया जाएगा।
इस अवसर पर श्रीमती मनीषा पाठक सोनी ने भी सभी को वर्चुअल दुनिया और सोशल मीडिया पर कैसे सुरक्षित रहे aad बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
यह देश में पहला कार्यक्रम होगा जो कि यूनिवर्सिटी और पुलिस विभाग मिलकर संचालित करेगी।