जगदीश परमार, उज्जैन।
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित मामला उज्जैन की केंद्रीय में हुई साइबर ठगी के मामले में भोपाल में बनी एसआईटी जांच कर रही है। एक जेलर की इसमें मुख्य भूमिका सामने आ रही है। जेल से क़ैदी अनंत अग्रवाल के ज़रिए ऑन लाइन ठगी की गई इसके बाद रूपया एक महिला प्रहरी और एक दर्जन प्रहरियों के अकाउंट में डाला गया।
इन खातों की जांच होना है। इसके अलावा जेल से ही वीडियो कॉल अनंत अग्रवाल द्वारा किए गए। उसने कई लोगों से वीडियो कॉल के ज़रिए बातें की। यह सारी जानकारी एसआईटी के पास है। जेलर ने टीपूँ सुल्तान नाम की किताब लिखने के बहाने आईआईटी से पास आउट क़ैदी अनंत अग्रवाल को बैरक से निकलवा कर अपने दफ़्तर में बैठाना शुरू किया । यहां उसे लेप टॉप, इंटरनेट आदि उपलब्ध कराया गया। इसके बाद ऑन ठगी का खेल शुरू हुआ।
जेल से हुई ऑन लाइन ठगी के बाद कई सुलगते सवाल हैं।
जेल में बंद इंटरनेशनल साइबर ठगी करने वाला आरोपी अमर अनंत अग्रवाल को आखिर क्यों जेल में लैपटॉप कंप्यूटर और इंटरनेट सुविधा दी जा रही थी।?
नियम के विरुद्ध उसकी मुलाकात क्यों कराई जा रही थी।?
अधिकतर नियम के विरुद्ध वीडियो कॉलिंग क्यों जेल में बंद बंदी अमर अनंत अग्रवाल करता था।?
जेलर केबिन में घंटो तक इंटरनेशनल हैंगकर अमर आनंद अग्रवाल को लेकर क्यों बैठा जाता था।?
जेल में बंद बंदी अमर अनंत अग्रवाल का वीडियो कॉल करते समय जेल से बाहर वायरल कैसे हुआ।?
इंटरनेट सुविधा लैपटॉप और कंप्यूटर इंटरनेशनल हेंकर बंदी को क्यों उपलब्ध कराया जा रहा था ?