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हमारे देश में दस करोड़ डायबिटिज और उतने ही प्री डायबिटीज़ के मरीज़ हैं जिन्हें पता नहीं है कि उन्हें डायबिटिज है इसे छुपी हुई डायबिटीज भी कहते है इसे पता करने के लिए ब्लड ग्लूकोस और A1C की जांच कराते है.
प्री डाइबिटीज स्टेज पर डायबिटीज का रिवर्सल भी हो सकता है
सही समय पर एक्सरसाइज, वजन में कमी ,और ख़ान पान में बदलाव से ये हो सकता है . ये बात शहर के डाइबिटीज विशेषज्ञ डॉ राजेश अग्रवाल मधुमेह थाइरॉईड मोटापा & हार्मोन विशेषज्ञ ने हार्मोन इंडिया के राष्ट्रीय सम्मेलन भोपाल में कही। डॉ अग्रवाल ने बताया
डायबिटिज होने के कई कारण होते है जैसे इन्सुलिन की कमी , इन्सुलिन रेजिस्टेंस, लिवर का अधिक ग्लूकोस बनाना , किडनी द्वारा अधिक ग्लूकोस सोखलेना ,इनक्रेटिन डिफेक्ट इसे ओमिनस ऑक्टेट भी कहते है ये डाइबिटीज के ८ मुख्य कारण या पैथॉफ़िज़ियोलॉजिकल डिफेक्ट है और ये सिर्फ़ एक गोली से ठीक नहीं हो सकते है .
जनसामान्य में ग़लत धारणा है कि एक गोली से डाइबीटीज ठीक हो सकती है.
डाइबिटीज के इलाज में ब्लड प्रेशर कोलेस्ट्रॉल और ग्लूकोस तीनों सही तरह से नियंत्रित होना चाहिए इसे एबीसी कंट्रोल कहते है जो एक गोली से सम्भव नहीं है
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