एक्सपोज़ टुडे।
ग्वालियर में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह, परिवहन आयुक्त मुकेश जैन के खिलाफ झूठी शिकायतें करने वाला आयुक्त का पीए निकला है। वह अपने ड्राइवर के माध्यम से फेक शिकायतें मुख्यमंत्री, CBI, लोकायुक्त व भाजपा के संगठन मंत्री को करवा रहा था। कुछ दिन पहले ही 9 फर्जी शिकायत का मामला पकड़ में आया था। यह शिकायतें ग्वालियर के एक पत्रकार के नाम से की गई थीं। जिसमें आयुक्त पर प्रदेश भर में परिवहन नाकों से पहुंचे 50 करोड़ से ज्यादा की अवैध वसूली और इस अवैध वसूली के पैसे को चुनाव में लगाने की फर्जी शिकायत की गई थी। पत्रकार ने मामला उठाया तो क्राइम ब्रांच ने जांच की जिस पर शिकायत करने करने वाले और कोई नहीं बल्कि आयुक्त का ही पीए सत्य कुमार शर्मा निकला है। जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पीए के ड्राइवर अजय सालुंके को पकड़ा तो उसने पूरे खेल के पीछे पीए हाथ होने की बात कही है।
यह है पूरा मामला
ग्वालियर के सिंधिया नगर निवासी 44 वर्षीय धर्मवीर कुशवाह पुत्र मूलचंद कुशवाह समाजसेवी हैं। साथ ही एक सामाचार पत्र का भी संचालन करते हैं। चार अप्रैल की रात सवा दस बजे उनके मोबाइल पर स्पीड पोस्ट बुक करने के 9 मैसेज आए। मैसेज देखकर वह दंग रह गए, जबकि उनके द्वारा कोई भी स्पीड पोस्ट बुक नहीं की गई है। जिस पर धर्मवीर ने तत्काल आर्टीकल नंबर लेकर सर्च किया तो पता लगा कि यह MBC काउंटर स्टेशन से बुक की गई हैं। इसके बाद वह खुद स्टेशन पहुंचे और बताया कि उनके पास मैसेज आए हैं जबकि यह स्पीड पोस्ट उन्होंने नहीं की है। अगले दिन 5 अप्रैल को उन्होंने आवेदन देकर सभी स्पीड पोस्ट को रिकॉल कराया। जिस पर 7 अप्रैल को धर्मवीर के घर के पते पर 6 स्पीड पोस्ट रुकवाकर पहुंच गईं, लेकिन तीन पोस्ट हो गई थीं। जब उन लिफाफों को खोलकर देखा तो अंदर चौकाने वाला सच था। उनके नाम से किसी ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन आयुक्त मुकेश जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार की कुछ शिकायतें की थीं, जबकि धर्मवीर का कहना है कि उनका इन शिकायतों से कोई लेना देना नहीं है। तत्काल उन्होंने क्राइम ब्रांच में पहुंचकर मामले की शिकायत की। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए मामला दर्ज किया था।
CCTV कैमरे से हुई पहचान, आरोपी पकड़ते ही खुला पीए का नाम
– इस मामले में जब पुलिस ने स्टेशन स्थित डाकघर मंे लगे CCTV कैमरे खंगाले तो बुकिंग के समय एक युवक लिफाफे लेकर आते हुए दिखा। उसकी पहचान आयुक्त परिवहन मुकेश जैन के पीए व बाबू सत्यप्रकाश शर्मा के वाहन चालक अजय सालुंके के रूप में हुई। जब पुलिस ने अजय को उठाया और पूछताछ की तो उसने बिना देर किए सब कुबूल कर लिया। उसका कहना था कि यह पूरा गड़बड़ झाला आयुक्त के पीए सत्यप्रकाश शर्मा का है। उनके कहने पर ही वह फर्जी नामांे से शिकायत करने जाता था। जिसके बाद पुलिस ने सत्यप्रकाश का नाम FIR में बढ़ाने के बाद उसकी तलाश शुरू कर दी है।
50 करोड़ से ज्यादा की अवैध वसूली का खेल
– पूरी शिकायत शिकवे कुछ समय पहले पूरे प्रदेश के टोल नाकों से की गई 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध वसूली को लेकर है। शिकायत की गई थी कि इस अवैध वसूली का उपयोग चुनावों में किया गया है। यह शिकायतें मुख्यमंत्री, सीबीआई, लोकायुक्त, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार सहित 9 लोगों को भेजी गई थीं। यह पत्रकार धर्मेन्द्र कुशवाह का नाम उपयोग कर भेजी गई थीं। मकसद परिवहन मंत्री व आयुक्त पर दबाव डालने की कोशिश करना था।