एक्सपोज़ टुडे।
इंदौर से विदिशा फ़र्ज़ी लोकायुक्त टीम हाईकोर्ट लिखी एसयूवी पजेरो लेकर एक बैंक मैनेजर से अड़ी बाज़ी करने पहुंचे। खुद को लोकायुक्त डीएसपी बता कर बैंक मैनेजर सेपूछताछ करने लगे। मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने कुछ परिचित लोगों को बुला लिया। इसके बाद ठगोरी गैंग का पर्दाफ़ाश हो गया। 3 में से 1 ठग भाग गया जबकि 2 को पुलिस ने धर लिया।
विदिशा के नागरिक बैंक के प्रबंधक हरिओम भावसार
ने बताया शाम के समय वे बैंक बंद करके घर जा रहे थे।
तभी एक शख़्स आया और बोलने लगा साहब कार में MP09 CM 0029 बैठे हैं आपसे कुछ चर्चा करना चाहते हैं। मैं कार के पास गया उसमें 2 लोग बैठे थे इसमें से एक ने अपने आपको डीएसपी लोकायुक्त योगेश खुरचानिया बताया।
वह बोला आपकी लोकायुक्त में आय से अधिक संपत्ति की शिकायत आई है। उस मामले में आपकी गिरफ़्तारी हो सकती है उसी मामले में चर्चा करने आए हैं कुछ ले देकर मामला निपटा लो।
भावसार ने उनसे कहा कि उस मामले की जांच हो चुकी है उसके दस्तावेज भी मैं बता सकता हूँ। इस पर ठगोरी गैंग इधर उधर की बातें करने लगी। इस पर उन्होंने अपने कुछ परिचितों को बुला लिया फिर इस फ़र्ज़ी लोकायुक्त टीम से पूछताछ शुरू की गई तो वे फ़र्ज़ी अधिकारी भागने लगे। 2 लोगों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया। एक व्यक्ति मौक़े से भाग गया।
पिस्टल लेकर बैठे थे MP 09 हाई कोर्ट लिखी पजेरो में
भावसार ने बताया यह सभी पजेरो गाड़ी MP09 CM 0029 में पिस्टल लेकर बैठे थे। गाड़ी पर हाईकोर्ट लिखा था। पुलिस की गिरफ़्त में आए दो लोगों में से एक ने अपना नाम रामेश्वर प्रसाद मालवीय तो दूसरे ने अपना नाम निकेत शर्मा बताया। दोनों डीएसपी योगेश खुरचानिया के साथ गंजबसौदा एक मामले के लिए आए थे। पुलिस की जाँच में खुलासा हुआ की यह दोनो लोकायुक्त से नहीं थे ।
पुराने केस का बोल कर अवैध वसूली का प्रयास
नागरिक बैंक के प्रबंधक हरिओम भावसार पर क़रीब 2 माह पहले बैंक से 26 लाख रूपए ग़बन करने के आरोप लगे थे।
लेकिन इस राशि को भावसार ने लौटा दिया था और दस्तावेज भी पेश कर दिए थे। इस घटना के नाम से ठगोरे भावसार को ब्लैकमेल करने पहुंचे थे।
अवैध वसूली की एफ़आइआर दर्ज
एडिशनल एसपी समीर यादव के मुताबिक़ पकड़े गए दोनों ठग भोपाल के रहने वाले हैं एक आरोपी रामेश्वर मालवीय उधानिकी विभाग में कर्मचारी है वहीं निकेत शर्मा गाड़ी का मासिक है।इन लोगों ने प्रबंधक भावसार से पैसों की माँग की।इनके पास फ़र्ज़ी दस्तावेज भी मिले हैं।प्रबंधक हरिओम भावसार की शिकायत पर रामेश्वर मालवीय और निकेत शर्मा के खिलाफ 419,384,467 का अपराध दर्ज किया गया।