एक्सपोज़ टुडे।
पुलिस ने फर्जी एडवाइजरी कंपनी पर मारा छापा,तीन को किया गिरफ्तार। एप के जरिए देते थे लोगो को शेयर बाज़ार में मुनाफ़े का झांसा।
विजय नगर पुलिस ने प्रोएक्टिव पुलिसिंग के तहत इलाके की बिल्डिंगों में संचालित होने वाली कंपनियों की जानकारी ली जा रही है इसी में पुलिस को जानकारी मिली थी कि बमोरी इलाके के ग्रेविटी मॉल मैं एक ऑफिस में कुछ संदिग्ध गतिविधि चल रही है सूचना पर पुलिस टीम द्वारा दबिश दी गई तो वहां पर फर्जी एडवाइजरी कंपनी संचालित हो ना पाई गई . कंपनी के बाहर चॉइस ब्रोकिंग कंपनी का बोर्ड लगा हुआ था जांच में पता चला कि यहां पर एल्गो ट्रेडिंग एडवाइजरी कंपनी के नाम से काम किया जा रहा है कंपनी से पुलिस ने मौके पर शुभम प्रजापति निवासी भमोरी, श्रव्या निवासी कालानी नगर, मुर्तजा उर्फ रिहान निवासी खजराना को पकड़ा। इस मामले में कुलदीप प्रजापति अभी फरार है। कुलदीप और शुभम रिश्तेदार है और कंपनी का संचालन करते है, श्रव्या इसमें एचआर के पद पर काम कर रही थी। जो नए लड़के लड़कियों को नाम बदलकर बात करने के लिए ट्रेनिंग देती थी और उन्हें असली कंपनी दिखा कर ऑफिस कार्य के नाम पर ट्रेनिंग देती थी। एक युवक अरबाज नाम बदलकर रिहान नाम से ग्राहकों से बात कर उनसे राशि जमा करवाता था. आरोपी शुभम प्रजापति श्रव्य तथा रिहान उर्फ रिजवान को मौके से गिरफ्तार किया गया है जांच जारी है. अभी तक
जांच में सामने आया है कि कंपनी के लोगों ने एडवाइजरी कंपनी में निवेश के नाम पर लोगों को झांसा देने के लिए कंपनी के नाम का एप बनाया था। कंपनी के लोग जब किसी व्यक्ति से निवेश के लिए संपर्क करते हैं तो उन्हें अपनी बातों में लेने के लिए स्मार्ट ट्रेड सिक्योरिटी नाम की एक कंपनी की वेबसाइट देखने के लिए गए थे। यह सही कंपनी की वेबसाइट है, इसे देख लोगो को लगता की कंपनी सही है और उस पर विश्वास करने लगते। इसके बाद एडवाइजरी कंपनी के कर्मचारी प्ले स्टोर पर कंपनी के नाम से बने एप को डाउनलोड करवाते थे। इस एप में ग्राहकों से डीमेट खाता खुलवाया जाता। फिर एप के जरिए ट्रांजैक्शन किए जाते। लोगों को भरोसे में लेने के लिए कंपनी के कर्मचारी शेयर बाजार के इंडेक्स के फर्जी ग्राफ का इस्तेमाल करते हैं। इसमें ग्राहक द्वारा निवेश किए गए कंपनी के शेयर में मुनाफा बताया जाता। इस तरह लोग इनके झांसे में आ जाते और वह मांगने पर बताई गई राशि कंपनी के खाते में जमा कर देते।
जांच में पता चला करीब 8 महीने से फर्जी एडवाइजरी कंपनी का संचालन किया जा रहा था। पहले आरोपी अपने घर से काम कर रहे थे। 2 महीने पहले ही ऑफिस किराए पर लेकर यहां से काम शुरू किया था। कार्रवाई के बाद जब कंपनी के रिकॉर्ड पुलिस ने देखे तो 4 पीड़ितो से पुलिस का संपर्क हुआ जिनसे थी हुई थी। पता चला कि अब तक कई लोगों से निवेश के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी हो चुकी है। कंपनी के दस्तावेज और बैंक खातों की जांच पुलिस कर रही है।