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इंदौर पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में तीन डॉक्टरों के खिलाफ 420 का केस दर्ज किया है। पीड़ित शिकायतकर्ता भी दो डॉक्टर हैं। मामला नाक-कान-गला (ENT) रोग से जुड़ी कॉन्फ्रेंस का है। इसके लिए कई डॉक्टर्स से रुपए लिए गए, उसमें फर्जीवाड़ा किया गया था। मामला में कोर्ट में भी परिवाद दायर था, जिसमें एफआईआर के आदेश हुए थे।
तिलक नगर पुलिस के मुताबिक़ फरियादी डॉ. प्रकाश तारे (मनभावन नगर) और डॉ. राहिल निदान (वंदना नगर) की शिकायत पर आरोपी डॉ. शैलेंद्र ओहरी (मनोरमागंज), डॉ. विशाल मुंजाल (सुयश हॉस्पिटल के पीछे) और डाॅ. संजय अग्रवाल (दिलपसंद सॉलिटियर मनोरमागंज) के खिलाफ धारा 420 और 406 में केस दर्ज किया है।
मामला 2017-18 का है। डॉ. शैलेंद्र ओहरी (संस्था अध्यक्ष) एवं डॉ. विशाल मुंजाल (संस्था सचिव) रहे हैं। इन दोनों ने मुख्य संयोजक डॉ. संजय अग्रवाल के साथ राष्ट्रीय कांफ्रेंस AOICON 2018 इंदौर में आयोजित की थी। स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में संस्था का अकाउंट था। बावजूद, कार्यक्रम संचालक एवं पदाधिकारियों ने दो अन्य बैंक अकाउंट इसे लेकर संचालित किए। कॉन्फ्रेंस खत्म होने के तुरंत बाद ये अकाउंट बंद भी करवा दिए। इसके अलावा GST नंबर सरेंडर कर दिया गया। संस्था सदस्यों ने दस्तावेज मांगे तो फर्जी ऑडिट रिपोर्ट तैयार करा दी गई। आरोपी संयोजक एवं कॉन्फ्रेंस पदाधिकारियों ने गलत तरीके से पैसा कमाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए और राशि का गबन कर लिया। साथ ही मूल दस्तावेज नष्ट कर संबंधित अकाउंट भी बंद करवाया गया।
कान्फ्रेंस को राष्ट्रीय स्तर पर सफल बनाने का दावा किया गया था। ऐसे में कई मेडिकल कंपनियों ने विज्ञापन किए और पार्टनर भी बने। एक अकांउट एमवाय कैम्पस इंदौर की ब्रांच में खुलवाया गया था। इसके बाद दो अन्य अकांउट एचडीएफसी बैंक और कोटक महिन्द्रा में खुलवाए जिनके बारे में जानकारी छुपाई गई थी। पहले अकांउट से पेमेंट को इन लोगों ने नए दोनों अकांउट में ट्रांसफर करवाया और फायदा उठाया। मामला सामने आने के बाद डॉक्टरों ने शिकायत की और कोर्ट में परिवाद दायर किया गया था। अब छह साल बाद मामला दर्ज हुआ है।