ग्वालियर। ग्वालियर में एक पुलिसकर्मी ऐसा भी है जो पिछले 9 सालों में दस हजार से अधिक शवों का पोस्टमार्टम करवा चुका है। पुलिसकर्मी लावारिस लाशों का अपनी जेब से पैसे खर्च अंतिम संस्कार कराता है वहीँ अगर किसी गरीब के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं हो तो पुलिसकर्मी उनकी भी मदद करता है। पुलिसकर्मी का सपना है कि वह जब तक नौकरी कर रहा है तब तक यह जनसेवा करता है। पुलिसकर्मी की इच्छा है कि उनका नाम सबसे अधिक पोस्टमार्टम कराने के लिए गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए।
हम बात कर रहे हैं जयरोग्य अस्पताल चौकी पर पदस्थ प्रधान आरक्षक अंगद बालवीर की। जयरोग्य अस्पताल चौकी का प्रमुख काम जिले सहित आसपास के जिलों से इलाज के लिए आने वाले लोगों की मौत के बाद उनके शवों का पोस्टमार्टम कराना होता है। इस दौरान सुबह से शाम तक डेड हाउस पर दुर्गंध में खड़े रहना पड़ता है। यही कारण है कि इस चौकी पर कोई भी जवान छह माह से अधिक समय तक अपनी सेवाएँ नहीं देना चाहता है।
अंगद पिछले 9 सालों से यहाँ जमे हुए है। उन्होंने कभी दूसरी पोस्टिंग के लिए एसपी को आवेदन नहीं किया। इन 9 सालों में अंगद 10,000 से अधिक लाशों का पोस्टमार्टम करा चुके हैं। उनकी कोशिश रहती है कि पोस्टमार्टम की कागजी कार्रवाई करने के लिए दुखी परिवार को भटकना न पड़े। इसके अलावा लावारिस लाशों को दफनाने और गरीब की लाश को उनके घर पहुँचाने के लिए भी वह अपनी जेब से कई बार पैसा लगा चुके हैं। गरीब परिवार की लाश को घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था कराने में भी प्रतिमाह 1 से 2 हजार रुपए अपनी जेब से खर्च कर देते हैं। अब उनका सपना है कि वाह यह जनसेवा के साथ ही इनका पोस्टमार्टम कराने का यहां रिकॉर्ड गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए।