एक्सपोज़ टुडे।
निवाडी ज़िले में 150 करोड़ के राशन घोटाले का मामला सामने आया है। कोरोना संक्रमण काल अप्रैल,मई,जून 2021 जब लोग मौत से जूझ रहे थे , तभी निवाड़ी के राशन माफियाओं ने करोड़ों के राशन घोटाले को अंजाम दिया।
जिला प्रशासन ने माना कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत वितरित किया जाने वाला राशन गायब हुआ है, कलेक्टर द्वारा कराई गई जांच में स्पष्ट उल्लेख है कि POS मशीन में खाद्यान्न वितरण दर्ज नहीं हुआ,
निवाड़ी कलेक्टर ने प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन को 3 पेज का एक पत्र लिखा था जिसमें इस बड़े घोटाले से जुड़े तथ्यों का उल्लेख है ।
कलेक्टर ने राशन माफियाओं पर NSA की कार्यवाही भी प्रस्तावित की थी । सरकारी रिकॉर्ड में उक्त राशन की कीमत 1 रुपए की दर से 33 करोड़ बताई गई है जबकि खुले बाजार में इसकी कीमत 150 करोड़ में बेचने का अनुमान है।
कलेक्टर निवाड़ी ने जनवरी 2022 को प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन को उक्त घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराने के आदेश इसलिए करना पड़े क्योंकि राशन माफियाओं की पहुंच सरकार तक है । जांच रिपोर्ट में उल्लेख है कि 158 उचित मूल्य दुकानों में गेहूं 60326.24 क्विंटल चावल 31173. 31क्विंटल, मोटा अनाज 1343.28 क्विंटल, शक्कर 1015.326 क्विंटल, नमक 2123.358 क्विंटल, केरोसिन 66048 लीटर, अनियमितता पाई गई जिसका अनुमानित शासकीय मूल्य 32.05. 60660 रुपए है जिसकी खुले बाजार में लगभग 150 करोड़ कीमत बताई जा रही है, प्रशासन की जांच में आपत्तिजनक माना गया, मध्य प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली 2015 का में स्पष्ट उल्लेख है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/ 7 के तहत दंडनीय अपराध है ।