नरसिंहपुर। चार साल पहले जब स्कूली छात्रा ने भरे मंच से रोजना जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने की बात कही तो खबर सुर्ख़ियों में आ गई। प्रशासन ने हालात सुधारने के लिए बड़े-बड़े दावे किए। लेकिन आज चार साल भी हालत जस के तस है।
हम बात कर रहे हैं नरसिंहपुर जिले के पलेरा गाँव की। चार साल पहले गांव में रहने वाली आसना कौरव ने तात्कालिक कलेक्टर के सामने मंच से कहा था कि, ‘कलेक्टर साहब मैं आपकी तरह कलेक्टर बनकर अपने गांव की रोड बनवाना चाहती हूँ। मेरे गांव की रोड इतनी खराब है कि बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। कमर-कमर पानी से निकलकर स्कूल जाना पड़ता हैं।’
इस घटना को चार साल हो चुके है लेकिन गाँव में ना सड़क बनी और ना ही गाँव में बहने वाली नदी पर पुलिया बनी। इस कारण गाँव के बच्चों को रोजाना जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ती है। नदी पार करने के बाद बच्चों को कीचड़ भरे रास्ते पर चार किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
दरअसल इस गाँव में आठवीं तक ही स्कूल है। आगे की पढाई के लिए जिस स्कूल में जाना पड़ता है वहां का रास्ता जोखिम भरा है। इस कारण गाँव की कई बेटियां आठवीं से आगे पढ़ाई नहीं कर पाती है। कुछ लड़कियाँ रोजाना संघर्ष करके पढ़ाई कर भी रही है लेकिन जरा बारिश होते ही नदी में आने वाले उफान के कारण महीनों घर बैठना पड़ता है।
ऐसा भी नहीं है कि प्रशासन को बेटियों के इस दुःख की जानकारी नहीं है। लेकिन प्रशासन सिवाय बहानेबाजी के कुछ भी करने को तैयार नहीं है।