लेखक- गोविन्द मालू
पूर्व उपाध्यक्ष खनिज विकास निगम।आर्थिक मामलों के जानकार।
एक्सपोज़ टुडे, इंदौर।
कोई नया कर लगाए बगैर किसान, किशोर, कमजोर, कौशल का उत्थान प्राविधान कर बजट को सीमित सीमाओं में बेहतर से बेहतरीन कर रोटी, कपड़ा और मकान का ध्यान रख घाटे के बाद राहत का बजट का शिव – जगदीश का
वर जनता को वरदान के रूप में इस बजट ने दिया है।
किसानों की आय दुगनी करने के लिए बजट की 43% राशि इस बात की सोद्देश्य घोषणा करती है।रोजगार के नव सृजन के अंकुर इस बजट में छुपे होकर शिक्षा के उन्नयन और बेहतर शिक्षा के प्रावधानों से अभिसिंचित है प्रदेश का बजट।जनता के सपनो को तथास्तु कहकर वित्त मंत्री ने अनेक उपाय बजट में समाहित किए हैं।
कर्मचारियों के लिए वेतन बढ़ोतरी के साथ आधारभूत संरचना और हर घर जल पहुँचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता के साथ आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के प्रयासों को पंख दिए जिससे विकास और नवोन्मेष की नई उड़ान प्रदेश भरेगा।
सर्वस्पर्शी और सर्व आयामी बजट की विशेषता के साथ ही राजकोषीय घाटे को जीडीपी के साथ एफ आर बी एम के साथ समन्वय भी वित्त मंत्री के कौशल को इंगित करता है। अनुत्पादक व्ययों पर लगाम और उत्पादक खर्चों से आम व्यक्ति की वार्षिक आय में इजाफा होगा।