गुना। प्रसूताओं की सुविधा के लिए सरकार ने घर से अस्पताल तक पहुँचाने के लिए जगह-जगह जननी सुरक्षा वाहन का इंतज़ाम किया है। लेकिन कुछ अधिकारीयों की लापरवाही से ग्रामीण क्षेत्र के आदिवासी गाँव में इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
ताज़ा मामला मकसूदनगढ़ के भगवानपुरा गाँव का है। इस गाँव में ज़्यादातर आदिवासी समाज के लोग रहते हैं। यहाँ जाने के लिए चार किलोमीटर का कच्चा रास्ता पार करना पड़ता है। वर्षा बाई पति राजू को प्रसव पीड़ा होने पर 108 नम्बर पर सूचना दी गई। लेकिन कच्चा रास्ता और उसमें कीचड़ होने की वजह से वाहन गाँव तक नहीं पहुँच पाया। इसलिए गर्भवती महिला को खटिया पर लेटाकर मुख्य सड़क मार्ग ताक लाना पड़ा। यहाँ से 108 की मदद से उसे स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया गया।
बीते चालीस सालों से ग्रामीण परेशानी भुगत रहे हैं। कई बार उन्होंने सड़क के लिए कवायद भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।