एक्सपोज़ टुडे।
प्रदेशभर में विकास यात्रा निकल रही है जो पूरी तरह से राजनीतिक है। इसमें विभिन्न विभागों के अफसर, कर्मचारियों से ड्यूटी करवाई जा रही है।
हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने एक पंचायत सचिव के निलंबन पर रोक लगाते हुए मौखिक रूप से कहा कि विकास यात्रा में ड्यूटी ठीक से नहीं करना सरकारी जिम्मेदारी कैसे हो सकती है। जनपद के सीईओ इस तरह निलंबित कैसे कर सकते हैं। हाई कोर्ट ने रोक लगाने के साथ ही चार सप्ताह में जवाब देने के लिए भी कहा है।
पंचायत सचिव मेहरबान सिंह गुर्जर को निलंबित किया गया था। बड़ोदिया खान में विकास यात्रा निकलने पर व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सचिव को दी गई थी। मंच ठीक से नहीं लगने, व्यवस्थाओं में कमी होने का हवाला देकर सीईओ ने उसे निलंबित कर दिया।जस्टिस विवेक रुसिया की खंडपीठ के समक्ष इस याचिका की सुनवाई हुई। इस पर सचिव ने अधिवक्ता मनीष यादव के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
स्थानीय नेताओं में सीईओ पर दबाव बनाकर पंचायत सचिव को जबरन निलंबित करवा दिया जो पूरी तरह से गलत है। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद उक्त टिप्पणी करते हुए सीईओ के आदेश पर रोक लगा दी।