September 23, 2024

सेना का अफसर बनकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़।

एक्सपोज़ टुडे।

साइबर क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को सेना में भर्ती कराने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया। यह गिरोह लोगों से इंटरनेट मीडिया पर संपर्क कर उनको सेना में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर रकम ऐंठ लेता था। ऐसे ही एक पीड़ित से डेढ़ लाख रुपये की ठगी की थी। उसकी शिकायत पर साइबर क्राइम ने जांच शुरू की थी। भोपाल पुलिस ने इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है!

पुलिस के अनुसार फरियादी ने शिकायत की थी कि उसके साथ एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा सेना में भर्ती कराने के नाम डेढ़ लाख रूपये की ठगी की गई। फरियादी ने बताया कि इंटरनेट मीडिया पर उसकी सेना वर्दीधारी फोटो वाले एक शख्‍स से दोस्‍ती हुई। उसने फरियादी को वाट्सएप पर सेना के जवानों की फोटो दिखाकर यकीन दिलाया कि वह उसे सेना में आरक्षक की नौकरी दिला सकता है। फोन पर विश्वास में लेने के बाद सेना में भर्ती के नाम पर विभिन्न चरणों मे आनलाइन परीक्षा ली, जिनमें उसे उत्तीर्ण दिखाया गया। इसके बाद ज्वाइनिंग के नाम पर जालसाज ने उससे टुकड़ो-टुकड़ो में तकरीबन डेढ़ लाख रुपये जमा करा लिए। पैसा देने के बाद भी सेना की ओर से किसी प्रकार की सूचना न मिलने पर फरियादी को ठगी का अहसास संदेह हुआ। उसकी शिकायत पर पुलिस ने छानबीन शुरू की और मंडला निवासी अनिल विश्‍वकर्मा और सिवनी में रहने वाले दौलत अहिरवार को दबोच लिया।

खुद को सेना का अफसर बताकर बेरोजगारों से संपर्क

साइबर क्राइम के एएसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि मुख्‍य आरोपित अनिल खुद को सेना का अफसर बताकर बेरोजगार युवकों से इंटरनेट मीडिया पर संपर्क करके और सेना के जवानों की फोटो भेजकर सेना में भर्ती कराने का भरोसा दिलाया था। अलग-अलग चरणों में पैसेा लेने के नाम पर पीड़ित से कई बार राशि की मांग कर अलग-अलग खातों में प्राप्त करते थे। वहीं दौलत का काम इंटरनेट मीडिया पर ऐसे बेरोजगार युवकों की तलाश कर उनके नंबर मुख्य आरोपित को देना था। गिरफ्तार आरोपितों के पास से करीब अस्सी हजार 750 रुपये नकद बरामद हुए हैं। दो मोबाइल फोन, पासबुक के अलावा एक मंगलसूत्र भी बरामद किया गया है।

Written by XT Correspondent