पर्दे के पीछे की खबरों का खुलासा : पढ़िये, Xpose Today का बहुचर्चित कॉलम स्टोरी बिहाइंड द कर्टन।
भू माफिया ने पुलिस से कहा आईएएस ने माँगे थे 10 करोड़ रूपए।
इंदौर पुलिस की गिरफ़्त में आए बहुचर्चित भू माफिया के तार आईएएस और आईपीएस से जुड़ रहे हैं। इंदौर पुलिस की सघन पूछताछ में भू माफिया ने एक आईएएस का नाम लिया उसने कहा साहब ने मुझसे 10 करोड़ रूपए की मांग की थी। मैं यह माँग पूरी नहीं कर सका तो मेरे उपर शिकंजा कसा गया। पूछताछ कर रहे अफ़सरों ने जय यह सुना तो एक दूसरे का चेहरा देखने लगे।
इंदौर में रही शिकायती प्रोबेशनरी डीएसपी के “काग़ज़” पहुंचे राजधानी ।
इंदौर में प्रोबेशनरी टीआई और डीएसपी रही एक महिला पुलिस अफ़सर ने सेल्यूट न करने की बात पर विंग में पदस्थ सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल की शिकायत अपने एसपी से की थी। एसपी ने मेडम को समझाया की नौकरी नई है सबको सम्मान दो व्यवहार ठीक रखो। लेकिन खुद को राजनीतिक रसूख से जुड़ा होने का घमंड पालकर मेडम ने एसपी को भी लपेट दिया उनके समेत सब इंस्पेक्टर कांस्टेबल तक की शिकायत कर दी। इस शिकायत के बाद उनका तो कुछ नहीं बिगड़ा लेकिन अब डीएसपी मेडम के कुछ “काग़ज़”पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग ज़रूर चले गए हैं जो आने वाले समय में “नोटिस” और “जाँच”तक जा सकते हैं।
420 के ईनामी आरोपी पर मंत्री मेहरबान, पुलिस पर बना रहे हैं दबाव
इंदौर के एक बहुचर्चित मामले में 420 के नामज़द आरोपी को पकड़ने की पुलिस हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। जबकि आरोपी पर ईनाम भी घोषित हैं और उसकी ज़मानत हाईकोर्ट से ख़ारिज हो चुकी है। पुलिस ने एक बार आरोपी को दबोचने की कोशिश की तो मंत्री जी का फ़ोन आ गया की हाथ मत डालना नहीं तो तकलीफ़ में आ जाओगे।
पूर्व एडिशनल डीजी सीनियर आईपीएस बने प्रॉपर्टी ब्रोकर जूनियर बोले शर्म नहीं आती इन्हें
लोकायुक्त एडीजी के पद से रिटायर एक सीनियर आईपीएस इंदौर में प्रॉपर्टी ब्रोकर बनकर काम कर रहे हैं। साहब को ज़मीनों से ख़ासा प्रेम है भू माफिया से साँठ गाँठ कर उलझीहुई ज़मीनों में पैर फंसा कर तोड़ बट्टा करते हैं।
एक भू माफिया से नाम जुड़ने के बाद भी साहब मान ही नहीं रहे हैं। पुलिस पर सही ग़लत करने के लिए दबाव बनाते हैं। अब तो जूनियर अफ़सर भी कहने लगे हैं साहब को शर्म नहींआती ऐसे काम करते हुए।
डीसीपी ट्रेफ़िक हाईपर एक्टिव मोड में, “हंस चाल” पर लगा दी लगाम
इंदौर में डीसीपी ट्रेफ़िक बनकर आए आईपीएस मनीष अग्रवाल हाईपर एक्टिव मोड में हैं। इंदौर में बसों की
अवैध पार्किंग पर आते ही कार्रवाई कर “हंस चाल” पर लगाम लगा दी है। साहब के हंस पर कार्रवाई करने के बाद मातहत समझ गए हैं साहब कार्रवाई करेंगे।
वे कुछ नया करने के लिए सुबह से देर रात तक बैठ रहे हैं वहीं ग्राउंड स्टाफ के लिए भी पूरे समय उपलब्ध रहते है। अग्रवाल इंदौर में एसपी पश्चिम और एसपी रेल भी रह चुके हैं।
टीआई ने कहा काम कराना है तो मेरे पीए से मिल लो
इंदौर के सबसे पॉश थाने में आए टीआई को कॉरपोरेट स्टाइल में काम करने का चढ़ गया है। टीआई साहब ने पीए भी रख लिया है। अब पुलिस फरियादी से अपाइंटमेंट पर ही मिलेगी।
पिछले दिनों टीआई के ख़ास कांस्टेबल एक सोना चाँदी के व्यापारी को उठा लाए बोले चोरी का सामान चोर से ख़रीदते हो ? पीड़ित का परिवार टीआई से मिलने पहुंचा तो टीआई ने कहा मेरे पीए से मिल लो मैं सीधे किसी से नहीं मिलता।
बुरहानपुर लॉ एंड आर्डर फैल एसपी पर गिर सकती है गाज
बुरहानपुर के नेपा नगर थाने में घुस कर पुलिसकर्मियों की पिटाई हुई। दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हुए। इससे पहले भी वन विभाग की 20 बन्दूकें लूट ली गई थी। इस घटना की गूंज राजधानी तक है। पुलिस की बुरी तरह भद पिट रही है। बुरहानपुर महत्वपूर्ण ज़िला है। चुनाव में ज़्यादा समय नहीं है ऐसे में एसपी बुरहानपुर को हटाया जा सकता है।
मंत्री के बेटे की कॉलर पकड़ने वाले एसपी पर कार्रवाई नहीं ?
वन मंत्री विजय शाह के बेटे दिव्य आदित्य शाह के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एसपी से खंडवा जिले के बीजेपी कार्यकर्ता ख़ासे नाराज़ हैं। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में मंत्री के बेटे और ज़िला पंचायत अध्यक्ष के साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया। मंत्री शाह सार्वजनिक रूप से कह भी चुके हैं की एसपी सत्येंद्र शुक्ला ज़्यादा दिन तक यहाँ नहीं रहेंगे। देखना यह है की मंत्री जी एसपी की रवानगी करा पाते हैं या नहीं ?
बात ब्यूरोक्रेसी की
इंदौर कलेक्टर की संवेदनशीलता के चर्चे
इंदौर कलेक्टर डॉ इलैया राजा की संवेदनशीलता के चर्चे शहर ही नहीं राजधानी तक है। कलेक्टर की जनसुनवाई में खुद बैठना और समस्याओं का हाथों हाथ निराकरण कराने की शैली को सराहा जा रहा है। ख़ास बात यह की कलेक्टर हर व्यक्ति का न केवल फ़ोन रिसीव करते हैं बल्कि कॉल बेक भी करते हैं।
इंदौर निगम आयुक्त बनाएँगी रिकॉर्ड ?
इंदौर नगर निगम कमिश्नर बनकर आई आईएएस हर्षिका सिंह इंदौर में भी बनाएंगी रिकॉर्ड ? हर्षिका सिंह ने मंडला कलेक्टर रहते हुए साक्षरता के लिए जो काम किए थे उसने उनकी पहचान पूरे प्रदेश में अलग तरह से स्थापित की है।58 प्रतिशत साक्षरता वाले ज़िले को पूर्ण साक्षर जिला बनाया था। इंदौर ज़िले में वह कौन सा रिकॉर्ड क़ायम करती है इस पर राजधानी की भी निगाह है।