मंडला। नेताओं और सरकार के अफसरों की चौखट पर बार-बार अर्जी लगाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो गाँव के लोगों ने खुद ही सड़क बनाने का बीड़ा उठा लिया। ग्रामीणों ने श्रमदान करते हुए कुदाल-फावड़ा उठाया और बना डाली दो किलोमीटर लंबी सड़क।
अकेले ही पहाड़ का सीना चीरकर सड़क बनाने वाले माउंटेन मैन के नाम से मशहूर बिहार के दशरथ मांझी की कहानी तो हम सभी ने सुनी है। मंडला जिले के ग्राम पंचायत के घुरवारा गाँव के लोगों की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। दरअसल यह गाँव कई सालों से सड़क की बाट जोह रहा था। सड़क न होने की वजह से ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। गाँव के अंदर ना कोई गाड़ी आ पाती और ना ही एम्बुलेंस। इस कारण बीमार और गर्भवती महिलाओं को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
अपनी परेशानी को लेकर ग्रामीणों ने सरपंच से लेकर कलेक्टर और विधायक से कई बार मिन्नते की लेकिन किसी ने ग्रामीणों की गुहार पर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में ग्रामीणों ने श्रमदान कर दो किलोमीटर लंबी सड़क बना डाली और गाँव को हाईवे से जोड़ दिया।
सड़क बनने से अब ग्रामीणों को कीचड़ से तो छुटकारा मिलेगा ही साथ ही अब पांच किलोमीटर की जगह एक किलोमीटर का सफर तय करके ही ग्राम पंचायत पहुंच जाएंगे।