November 24, 2024

कुकर की सीटी है लॉक डाउन का लेखा जोखा।

पुस्तक समीक्षा 

एक्सपोज़ टुडे।

लॉक डाउन को लेकर बहुचर्चित किताब कुकर की सीटी की लेखिका योगिता वार्डे  हैं। जन्म मध्यप्रदेश के शुजालपुर में हुआ है। शिक्षा वहीँ से प्राप्त की है। मैं अब शादी के बाद वड़ोदरा शहर में रहती हैं। लगभग पूरी दुनिया घूम चुकी है। कहानियाँ और कविताएँ लिखने का शौक बचपन से ही रहा है। इन्हें 2020 में किताब “दीया” के लिए ‘Best Author Of The Year’का अवार्ड भी मिला है।

कुकर की सीटी

जब हमने हंसते मुस्कुराते हमेशा की तरह 2020 में प्रवेश किया तब कहाँ पता था कि हमारी आने वाली ज़िंदगी में हमें एक बीमारी के चलते लॉकडाउन में रहना पड़ेगा। अपने-अपने घरों में कैद।
“कुकर की सीटी” नाटक संग्रह है जो कि लॉकडाउन पर आधारित हैं। लॉकडाउन हम सभी के लिए कठिन दौर रहा, जहाँ हम सभी कहीं आ जा नहीं सकते थे। किस तरह हम घरों में रहने पर मजबूर हुए। हमारे ऊपर क्या-क्या गुजरा हमें किन-किन चीजों का नया अनुभव हुआ। किस तरह हमने अपने परिवार वालों के साथ अच्छा समय बिताया। किस तरह हँसना-रोना, बिछड़ना, तकलीफें, स्कूल बंद रहे, वर्क फ्रॉम होम किया और किस तरह मजदूरों की घर वापसी हुई, वहीं बच्चे अपनी नानियों के घर नहीं जा सके तो कहीं किसी की शादी का टूटना और किस तरह हम डिज़िटल दुनिया में 20 साल आगे हो गए।
किस तरह हमारी ज़िन्दगी में सोशल मीडिया ने अहम् रोल निभाया। इन सभी अनुभवों का लेखा-झोखा है यह किताब।

Written by XT Correspondent