नरसिंहपुर। सरकार के मंत्री प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए भले ही विदेशी दौरें कर रहे हैं। दूसरी तरफ गाँव में बच्चे स्कूल जाने के लिए रोजाना जिंदगी और मौत से जद्दोजहद कर रहे हैं। शिक्षा के अपने मौलिक अधिकार के लिए भी बच्चों को उफनती नदी पार करनी पड़ती है। जिससे हर समय हादसे का डर बना रहता है।
मामला नरसिंहपुर के नोनी गरडिया गांव का है। यहाँ बने सरकारी स्कूल में नोनी सर्रा भेती और सालीवाडा गांव के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। लेकिन इन गांवों से सरकारी स्कूल आने के लिए नदी को पार करना पड़ता है। आम दिनों में तो नदी सुखी रहती है लेकिन बारिश के समय यह पहाड़ी नदी उफान पर रहती है। नदी पर कोई पुल नहीं बना है। इस कारण बच्चे रोज जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। कई बार जब पानी का बहाव ज्यादा होता है तो बच्चों के परिजन उन्हें अपने कंधो पर बैठाकर नदी पार करवाते हैं।
बच्चों का कहना है कि उन्हें हमेशा कोई हादसा होने का डर रहता है लेकिन पढ़ाई करने के लिए यह जोखिम उठाना उनकी मजबूरी है। वहीँ स्कूल के शिक्षक बताते है कि छह से सात गांवों के बच्चे इस स्कूल में आकर पढ़ाई करते हैं। अत्यधिक बारिश होने पर बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल आना पड़ता है। छोटे बच्चों को उनके परिजन कंधों पर लेकर आते हैं। कई बार बहाव तेज होता है तो महीने भर बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। प्रशासन को कई बार पत्र लिखा है कि पहाड़ी नदी पर कम से कम अस्थाई पुल बनाया जाए कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब यह मामला कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया तो वह वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात जरूर कह रहे हैं।