एक्सपोज़ टुडे,भोपाल। लड़कियों के लिए “लाइफ मैनेजमेंट की पाठशाला” शुरू की जा रही है। इसमें विभिन्न आयु वर्ग की लड़कियों का शिक्षण-प्रशिक्षण होगा। कोशिश है कि उन्हें सशक्त बनाया जाए ताकि वे समाज में निर्णायक भूमिका निभा सकें। इस काम का बीड़ा उठाया है विंध्या शिक्षा प्रचार समिति के अंतर्गत उपशाखा एजु जी लाइफ (eduGlife) संस्था ने। संस्था बालिकाओं के अंतर्मन से लेकर बाह्य दुनिया तक ना केवल उन्हें जीवन में आने वाली समस्याओं का कैसे सामना करें, बताएगी बल्कि उन्हें किस तरह सुलझाया जाए,यह भी मार्गदर्शित करेगी। प्रकृति ने जहां लड़कियों का जीवन अपनी प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण करके मजबूत बना कर दिया है, वहीं मानव सभ्यता ने उसे उतना ही निकृष्ट, दयनीय, असहाय और निम्न स्तर का बना दिया है।
जन्म से लेकर मृत्यु तक हर बात के लिए नारी को ही संघर्ष करना पड़ता है। जिन्होंने उनके सशक्तिकरण को आजादी से जोड़ कर देखा, तो उन्होंने इतनी आज़ादी दे दी कि वहां भी परिस्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। लड़का हो या लड़की, समाज को स्वस्थ और सुदृढ़ वातावरण देना है तो दोनों को संतुलित, संयमित और समझ वाला व्यवहार आवश्यक है।
ऐसे में बालिकाएँ क्या करें और क्या ना करें। यह सिखाने का कार्य करेगा एजु जी लाइफ संस्था।
एजु जी लाइफ ने लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कोर्स बनाए हैं। लॉन्ग टर्म वाला 5 साल के लिए होगा। इसके तहत प्रति वर्ष 30 दिन का कार्यक्रम रहेगा। जिसमें से 24 दिन ऑनलाइन कक्षाएं रहेंगी और 6 दिन भारत की चुनिंदा जगहों पर आवासीय शिविर आयोजित किए जाएंगे।आवासीय शिविर में दो दिन के लिए अभिभावकों के लिए उपस्थित अनिवार्य रहेगी। उनके लिए उसी समय दो दिन की कार्यशाला रहेगी।
इस पाठ्यक्रम में प्रवेश दस साल की उम्र पूर्ण कर चुकी या पांचवीं कक्षा पास कर चुकी बालिकाओं को ही मिलेगा।
पंचवर्षीय पाठ्यक्रम में बालिकाओं के लिए शामिल विषय वस्तु :—
1.विभिन्न तकनीकी और शिक्षा से बालिकाओं को मानसिक रूप से सशक्त बनाना।
2. शारीरिक संरचना और शारीरिक परिवर्तनों से उन्हें अवगत कराना।
3.परिवारिक पृष्ठभूमि मजबूत करना। गरिमामयी भारतीय महिलाओं के इतिहास से अवगत कराना।
4.आधुनिक परिवेश में नैतिकता को कायम रखना और कुशल व्यवहार सिखाना।
5.अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले मानव व्यापार से अवगत कराना।
6. दिखाई ना देने वाले वो खतरे जो घातक है, उनके प्रति सचेत रहने की जानकारी।
7.बालिकाओं और स्त्रियों से संबंधित बुनियादी कानूनों की जानकारी देना।
8.सामाजिक और प्राकृतिक आपदाओं से बचने का प्रशिक्षण।
9. स्वयं रक्षा हेतु प्रशिक्षण के साथ अस्त्र-शस्त्र प्रशिक्षण।
10. कैरियर काउंसिलिंग और जीवन काउंसिल द्वारा उनका आगामी भविष्य सुदृढ़ करना।
उपरोक्त विषयांतर्गत विषय विशेषज्ञों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही समिति एक ऑनलाइन नि:शुल्क परामर्श सुविधा भी प्रदान करने जा रही है, जिसमें वो बच्चियां जो अपनी समस्या को किसी से भी साझा करने में असमर्थ हैं, बिना झिझक अपनी समस्या के लिए कॉल कर सकती हैं।
इसमें प्रथम बैच में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं में से चयनित एक बालिका को “इण्डियन स्कूल ऑफ इमेज मैनेजमेंट मुंबई, स्कालरशिप प्रदान करेगा।
लॉन्ग टर्म पाठ्यक्रम कार्यक्रम, जो कि साल में चार बार प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित करेगा।
फरवरी, मई, अगस्त, नवंबर।
शॉर्ट टर्म में बालिका और बालकों के लिए अलग-अलग 10 दिवसीय आवासीय शिविर आयोजित किए जाएंगे।
जो लोग अपने बच्चों को इन पांच वर्षीय कार्यक्रम में शामिल नहीं करना चाहते। जो तत्कालिक रुप से परिणाम की चाह रखते हुए अपने बच्चों को शामिल करना चाहते हैं उनके लिए 10 दिनों के शिविर आयोजित किए जायेंगे, जो कि मई- जून माह में होंगे।
संस्था का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि जहां उनके संरक्षण और संवर्धन के लिए कानून, और प्रशासन कार्य कर रहा है वहीं उन्हें भी अपनी सुरक्षा और उन्नत भविष्य के लिए जागरूक किया जाना आवश्यक है।
“चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण” की ओर….
विंध्या शिक्षा प्रचार समिति ने एजुजी लाइफ की स्थापना इंदौर और लखनऊ की घटनाओं से चिंतित होकर की है जिसमें बेटियों ने ही अपने माता-पिता की हत्या की। लगातार देह व्यापार के लिए ले जाई जा रही लड़कियां, आत्म हत्या के लिए प्रेरित लड़कियां परिवारों में विघटन का कारण बन रही है जो बहुत ही चिंताजनक है।
डा आर एच लता
फाउंडर एजु जी लाइफ