November 22, 2024

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिये 3 जनवरी से शुरू होगा मिशन 15-18 लगेंगे 15-18 आयु के बच्चों को टीके।

एक्सपोज़ टुडे।

भारत शासन द्वारा 3 जनवरी 2022 से 15 से 18 वर्ष के किशोर-किशोरियों को कोविड-19 टीकाकरण करने हेतु दिशा-निर्देश दिये गये हैं। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश शासन द्वारा 3 जनवरी से प्रदेश में 15 से 18 वर्ष के सभी बच्चों का टीकाकरण अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। इंदौर में भी 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष के सभी किशोर-किशोरियों के लिए टीकाकरण अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। इस अभियान को मिशन 15-18 नाम दिया गया है। कोरोना महामारी को रोकने हेतु टीकाकरण सबसे प्रभावी साधन है। कोरोना महामारी को पूरी तरह से समाप्त करने हेतु 15 से 18 वर्ष के सभी बच्चों एवं 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक को टीकाकृत किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या ने बताया कि जो बच्चे वर्ष 2007 के पहले जन्में हैं वे सभी टीकाकरण हेतु पात्र होंगे। इंदौर में 115 ग्रामीण केंद्र तथा 272 शहरी टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। इस तरह कुल 387 टीकाकरण केंद्रों पर 567 सेशन लगाकर 1 लाख 39 हजार 250 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। इंदौर में निजी, शासकीय विद्यालयों में टीकाकरण किया जाएगा। यदि कोई बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है तो वह भी इन केंद्रों पर जाकर टीकाकरण करवा सकता है। मिशन 15-18 के तहत कोवैक्सीन का टीका लगाया जायेगा। कोवैक्सीकन के दो डोज़ लगाये जाएंगे। दोनों डोज के मध्य न्यूनतम 28 दिन का अंतर होना जरूरी है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि टीकाकरण के लिये ऑनलाइन माध्यम से कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। टीकाकरण केन्द्र पर सीधे पहुंच कर भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। बच्चे अपना आधार कार्ड साथ में लेकर जाएं। टीकाकरण केन्द्र पर आने से पहले बच्चे को सामान्य खाना या नाश्ता करना जरूरी है। टीका लगने के बाद टीकाकरण स्थल पर 30 मिनट तक आराम करने की सलाह दी गई है। किशोरियां महावारी के दौरान भी टीका लगवा सकती हैं। टीका लगवाने के दौरान एवं बाद में भी सेनीटाइजेशन, मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है। टीका कोरोना से बचाव का सबसे सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। इस संक्रमण की प्रतिरोधी क्षमता विकसित किये बिना संक्रमण का खतरा कम नहीं होगा। इसलिये सभी 15 से 18 वर्ष के बच्चों को टीका लगाना अत्यंत आवश्यक है। टीका लगने के बाद संक्रमण होगा भी तो गंभीर और जानलेवा नहीं हो पायेगा। यह वैक्सीन बच्चों के लिये पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे भारत शासन द्वारा वैज्ञानित साक्ष्यों के आधार पर ही अनुमोदित की गई है। टीकाकरण के सामान्य प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए शहरी क्षेत्र में जोन वाइज एवं वार्ड वाइज तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर व्यवस्थाएं की गई है। सभी पालकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने बच्चों का टीकाकरण अवश्य करवाएं तथा कोरोना वायरस के विरुद्ध उन्हें एक सुरक्षा चक्र प्रदान करें।

Written by XT Correspondent