लेखिका गोपा सान्याल, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का जाना पहचाना नाम हैं वे पत्रकार/ट्रैवेल ब्लॉगर/फोटोग्राफर है।
एक्सपोज़ टुडे।
यायावरी एक ऐसा जुनून है जिससे दुनिया की हर एक चीज़ को करीब से देखने और समझने का मौका तो मिलता ही है साथ ही सुकून के साथ साथ एक नज़रिया भी मिलता है।शहर के प्रदूषण और भागदौड़ से भरी दिनचर्या से वक़्त मिलने पर अब लोग वीकएंड में मॉल और भीड़भाड़ वाली जगहों के बजाय हरियाली वाले स्थानों की खोज करते हैं।मेरी पहली पसंद प्राकतिक सौंदर्य से परिपूर्ण झरने, पहाड़ और अभ्यारण्य हैं।अभ्यारण्य एक ऐसा संरक्षित वनक्षेत्र है, जहाँ पशु-पक्षी भयमुक्त होकर स्वच्छंद विहार करते हैं।
जहाँ आपके सामने कुलाँचे भरते हिरण और चंचल चीतलों के झुंड,समूह में विचरण करते बायसन परिवार या फिर इंसानी पदचाप से छुपते शर्मीले तेंदुए होते हैं। ठाठ से चलते बाघ बाघिन या फिर भोजन की खोज में भालू।तालाब के किनारे बैठ सुन सकते हैं चहकते पंछियों का कलरव।इनका एक अलग ही संसार है।जंगली फूलों की महक और ऑक्सिजन से भरपूर हर एक साँस आपको तरोताज़ा महसूस कराएगी।
अगर आपके पास वीकएंड में 2 दिन का समय है तो छत्तीसगढ़ के गोमर्डा अभ्यारण्य की सैर पर चलिए।
राजधानी रायपुर देश के सभी राज्यो से हवाई एवम रेल मार्ग से जुड़ा है।सड़क मार्ग से अगर रायपुर पहुँचकर गोमर्डा अभ्यारण्य देखना है तो आपको कार या टैक्सी लेना चाहिए।यहां से करीब 5 घंटे की दूरी पर बस यह सुरम्य अभ्यारण्य रायपुर से 200 किमी की दूरी पर स्थित और रायगढ़ जिले से करीब 55 किमी दूरी पर स्थित है। यह अभ्यारण्य 278 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है।वन आच्छादित पहाडियों ,तालाब और ग्रासलैंड से परिपूर्ण इस अभ्यारण्य में जैव विविधता भी अपार है।
अभ्यारण्य के लिए सारंगढ़ से किराए का वाहन ले सकते हैं।सारंगढ के टमटोरा बैरियर , दमदर्रा या तेंदुढार बैरियर पहुँचकर जिप्सी कर सफारी का आनंद ले सकते हैं।सफारी दो बार की जा सकती है।एक बार भ्रमण के लिये जिप्सी का चार्ज 2200 रुपये है, यह आप बैरियर से बुक कर सकते हैं। फिलहाल वन विभाग द्वारा सीमित जिप्सियों की सँख्या बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
ठहरने की सुविधा वन विभाग के सारंगढ़ विश्रामगृह, टमटोरा विश्रामगृह और दमदर्रा बैरियर और राजामचान
होते हुए माडवसिल्ली विश्रामगृह में है।पर्यटकों के लिए तालाब में स्विस टेंट का निर्माण कार्य भी गति पर है।सीमित ठहरने की व्यवस्था को बढ़ाने के लिए वन विभाग प्रयासरत है।
गोमर्डा अभयारण्य में पहाड़ ,पठार, ग्रासलैंड, झरने एवम घाटियों का अद्धभुत संगम देखने को मिलता है।पहाड़ी घुमावदार रास्ते किसी हिल स्टेशन का अहसास कराते हैं ।यहाँ से फिर ग्रासलैंड का इलाका शुरू हो जाता है।इस बीच लक्कड़बग्घा, भेड़िया,जंगली बिल्ली,नीलगाय,साम्भर, चीतल, कोटरी सहित हिरन की प्रजातियां और बंदर बहुतायत देखे जा सकते हैं।साथ ही भालू,तेंदुआ,सियार,गौर भी बहुत करीब से देख सकते हैं।तेंदुए की संख्या 25-30 के आसपास बताई जाती है।
बताया गया है कि 2007 में यहाँ पैंगोलीन की दुर्लभ प्रजाति भी पाई गई थी।पक्षियों में दूधराज,किंगफिशर के अलावा मोर, ग्रीन बी ईटर,वाइट बेलीड ड्रॉङ्गो,पैराकीट,जंगल फ़ाउल,उल्लू,चील,गिद्ध, शिकरा, इग्रेट समेत करीब 50 से अधिक पक्षी वन विभाग द्वारा चिन्हित किये गये हैं।साथ ही तितलियों की भी अनेक प्रजातियाँ यहाँ देखी जा सकती है।
यहाँ प्राकृतिक रूप से बड़े ग्रासलैंड का होना बायसन और हिरण प्रजाति के लिए बेहद अनुकूल है।समय समय पर बेकार घास जैसे वनतुलसा और डोरेंडा को हटाकर उपयोगी घास लगाने की कवायद भी वन विभाग द्वारा की जाती है।
वन अधीक्षक आर के सिसोदिया ने बताया कि नागपुर के ग्रासलैंड एक्सपर्ट डॉक्टर मुरतकर द्वारा द्वारा समय समय पर कर्मियों को उपयोगी घासों के बीज स्टोर करने और इनको लगाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।अभ्यारण्यों और वन्यजीवों को सबसे बड़ा ख़तरा मनुष्यों से है।काफी पहले यहाँ से अवैध शिकार की घटनाएं सामने आईं और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई।सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम लगातार पेट्रोलिंग करती है।जिसके कारण काफी समय से इन घटनाओं पर रोक लगी है।
अब गाँव के लोग भी जागरूक होकर वन विभाग का साथ देने लगे हैं।
अगर आप जंगल भ्रमण न भी कर पाएं तो निराश न हों।आसपास धार्मिक, ऐतिहासिक स्थल का आनंद लीजिये।
गोमर्डा के आसपास धार्मिक स्थानों में चंद्रहासिनी मंदिर है।वहीं राजमचान के पास ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल रामतल्ला है।झरनों में माढ़वसिल्ली ,खपान दर्शनीय स्थल हैं।राठनहिल में अधरपानी झरना है जो आपको मैनपाट के टाईगर पॉइंट का अहसास दिलाएंगे।
इस अभ्यारण में पहुँच मार्ग को आसान बनाने के लिए सरायपाली से टमटोरा के बीच सीधा रास्ता बनाया जा रहा है।सुलभ और आसान रास्ता बन जाने एवम ठहरने की अच्छी व्यवस्था हो जाने से प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक खूबसूरत हॉलिडे स्पॉट बन सकता है।
ऐसी जगहों पर सैर निश्चित रूप से प्रकृति और जीवन के प्रति एक अद्भुत दृष्टिकोण देगा।