अनूपपुर। अपनी ज़मीन हड़पे जाने के मामले में इंसाफ़ पाने के लिए 25 सालों के बाद एक बुढी आदिवासी महिला में महात्मा गांधी की 150 वीं जयंति को गांधी के रास्ते को अपनाया। अपने विकलांग बेटे के साथ महिला ज़िला मुख्यालय पर कलेक्टर कार्यालय के सामने गांधी वादी सत्याग्रह पर बैठ गई। उसने प्रण किया है कि अब वह गांधी के रास्ते पर चलेगी और जब तक उसे इंसाफ़ नहीं मिलेगा वह अनशन पर बैठी रहेगी।
दरअसल अनूपपुर निवासी गरीब आदिवासी बेवा भिखमतिया बाई कोल ने आरोप लगाया कि एक दशक पूर्व मौजूदा हल्का पटवारी रमेश सिंह ने 20 डिसमिल जमीन बेचने की बात कहकर एक एकड़ से भी अधिक जमीन अपने नाम स्थानांतरित करवा ली और उस पर कब्जा भी जमा लिया। महिला का आरोप है कि रमेश सिंह ने पहले 20 डिसमिल जमीन बेचने की बात कही थी जिसके लिए वह तैयार हो गयी। जमीन का सौदा एक लाख 80 हजार में तय हुआ। लेकिन उसे एक लाख रुपए ही मिले और दूसरी तरफ पटवारी ने धोखे से 20 डिसिमिल जमीन की जगह 67 डिसिमिल जमीन अपने नाम स्थानांतरित करवा ली और बाकी पर कब्जा भी कर लिया।
पटवारी द्वारा की गई धोखाधड़ी की फरियाद लेकर महिला सभी जिम्मेदार अधिकारियों के पास पहुंची, लेकिन उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई। महिला ने कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर से मिलकर भी गुहार लगाई थी। महिला ने कलेक्टर से कहा था कि अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो गाँधी जयंती से अनशन बैठेगी। जिस पर कलेक्टर ने शीघ्र कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था। भिखमतिया बाई को न्याय की आस थी, जो उसे जब टूटती दिखी तो उन्होने गाँधी जयंती पर अटल द्वार के पास दोपहर बाद से अनशन पर बैठ सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया है।
पूर्व बीजेपी विधायक रामलाल रौतेल ने भी भिखमतिया को समर्थन दिया है और भिखमतिया की न्याय दिलवाने आगे आये है। उन्होंने कहा भिखमतिया को न्याय दिलाने के लिए पूरी जनजाति के लोग लगतार प्रदर्शन करेंगे।