जबलपुर। आज़ादी के सत्तर सालों के बाद भी भारतीय समाज विकास की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पा रहा है। इसकी बानगी हाल ही में देखने को मिली जब गांव के एक आदिवासी परिवार का ग्रामीणों ने सिर्फ इसलिए सामाजिक बहिष्कार कर दिया क्योंकि उस परिवार ने अपने छोटे बेटे की शादी में गांव के कुछ लोगों को निमंत्रण नहीं भेजा था।
मामला जबलपुर से लगभग 55 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कटोरी के सिंगोरी जमुनिया का है। यहां रहने वाले आदिवासी परिवार का उनके समाज के लोगों ने एकराय होकर हुक्का पानी बंद करने का फरमान सुनाया है। उनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि अपने छोटे बेटे की शादी में उन्होंने कुछ दबंग बुजुर्गों को न्यौता नहीं दिया था।
ग्रामीणों के इस रवैये से परेशान होकर गरीब परिवार ने पुलिस थाने की भी शरण ली। लेकिन वहां घटों बैठे रहने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो पीड़ित ने प्रशासन के आला अफसरों से इंसाफ की गुहार लगाई। ग्रामीणों की करतूतों की शिकायत पुलिस और प्रशासन से करने के बदले अब पीड़ित को जान से मारने की धमकियां मिल रहीं है ।
पुलिस से लेकर प्रशासन के आला अधिकारियों ने सामाजिक बहिष्कार से जुड़े इस मामले की पड़ताल शुरू कर दी। बाकायदा पंचायत बैठाकर ग्रामीणों और पीड़ित परिवार के बीच सुलह कराने की कोशिशें की गई लेकिन सामाजिक बहिष्कार से पीड़ित परिवार को राहत नसीब नहीं हो पा रही है।
घटना के सामने आने के बाद अब गांव वालों के भी सुर बदल गए हैं। ग्रामीण अब पीड़ित की शिकायत को ही गलत साबित करने में जुट गए हैं। वहीँ दूसरी पुलिस की दलील है कि मामले के सामने आने के बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद का निपटारा करा दिया गया है।