इंदौर। प्रदेश की सरकार ने गाँव-गाँव पानी पहुँचाने के लिए खाका खींचना शुरू कर दिया है।मुख्यमंत्री इस योजना में खासी रूचि ले रहे हैं और सभी पंचायतों को अपने यहाँ की जल उपलब्धता की रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
पंचायतों को भेजे परिपत्र अनुसार अब पानी के लिए हर गाँव का अपना मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।एक गाँव में कितना पानी उपलब्ध है और वहाँ की आबादी के लिहाज से कितने पानी की ज़रुरत है। इसका आकलन कराया जा रहा है।
सरकार मध्यप्रदेश के हर गाँव में रहने वाले हर आदमी तक को पानी का अधिकार देने की घोषणा ज़ल्दी ही कर सकती है।इसी तारतम्य में यह तैयारी की जा रही है।पानी का अधिकार घोषित हो जाने पर पानी उपलब्ध नहीं कराने पर सख्त कार्रवाई के प्रावधान भी किए जा रहे हैं।
ताज़ा आदेशों में सिर्फ ज़मीन की सतह पर उपलब्ध पानी की जानकारी पंचायतों से मांगी गई है। इसके बाद भूजल के आंकड़े भी शामिल कराए जाएंगे।कुएँ -कुंडियों, तालाब या बावड़ी और नदी -नालों के बारे में पूछा गया है।इस तरह हर गाँव का वाटर बजट बनाया जाएगा। उसके अनुसार ही पानी के लिए वैकल्पिक संसाधन विकसित किए जाएँगे।
गौरतलब है कि अधिकाँश गॉंवों ने अपने परम्परागत जल संसाधनों जैसे बावड़ी, कुएँ-कुंडियों और तालाबों को तहस नहस कर दिया है।अब इन्हें फिर से पुनर्जीवित करने की ज़रुरत है।