एक्सपोज़ टुडे,इंदौर।
ट्रैफिक सिग्नल पर भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को रोक कर पुलिसकर्मियों ने उनके पैरों में चप्पलें पहनाई फिर मास्क और सेनेटाइजर दिया यह नजारा किसी फ़िल्म का नहीं जनाब यह इंदौर पुलिस है ।
पुलिस का यह संवेदनशील चेहरा देख हर व्यक्ति के मन में सम्मान का भाव जागा है।
इंदौर पुलिस ने कम्युनिटी पुलिसिंग एवं किशोरों में बढ़ती अपराध प्रवृति की रोकथाम भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों के लिए अनूठी पहल की है।
अब यह बच्चे भी स्कूल जाएँगे और पढ़ाई कर सभ्य नागरिक बन सकेंगे ।
पुलिस ने ट्रैफिक सिग्नल पर भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को मुख्यधारा में लाकर आम इंसान की तरह जीवन जीने के लिए जोड़ा जा रहा है। ट्रैफिक सिग्नल पर भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को पुलिसकर्मियों ने रोक कर उनके नन्हे पैरों में चप्पल पहना कर दोस्ती की है। अब इन्हें नई चप्पलें पहन कर स्कूल जाने के लिए समझाने की तैयारी है ।
इंदौर पुलिस द्वारा संजीवनी बाल मित्र केंद्र छत्रीपुरा थाने में संचालित किया जाता है।
इस केंद्र का उद्देश्य निचली और गरीब बस्ती में रहने वाले बच्चों को अपराध की दुनिया से दूर रखना है ।
संजीवनी बाल मित्र केंद्र के आरक्षक संजय राठौर एवं साथी पुलिस कर्मचारियों द्वारा, ट्रैफिक सिग्नल पर भिक्षावृत्ति करने वाले उपेक्षित बच्चों को बच्चों की जानकारी जुटाने के उद्देश्य से आज उन्हें सैनिटाइजर, मास्क वितरित करने के साथ ही उनके पैरों में जूते चप्पल पहना कर तथा उन्हें कोरोना से बचाव की जानकारी देकर बच्चों को ट्रैफिक सिग्नल से उनके घरों को विदा किया बच्चे पुलिस के इस व्यवहार से प्रसन्न होकर खुशी-खुशी अपने घर चले गए!
मुस्कुराते हुए गए बच्चे
छत्रीपुरा पुलिस , थाना प्रभारी पवन सिंघल के मार्गदर्शन में संजीवनी बालमित्र केंद्र के संचालक संजय राठौर और साथी पुलिस कर्मचाकर्मचारियो द्वारा ट्रैफिक सिग्नल पर भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को सैनिटाइजर, मास्क एवं उनके पैरों में चप्पल जूते पहनाकर तथा उनके नन्हे हाथों में पुस्तकें थमा कर मासूम चेहरे पर मुस्कान बिखेरने का काम किया!