खरगोन। नर्मदा किनारे बसी देवी अहिल्या की पवित्र नगरी महेश्वर में विश्व का पहला गौ-मुक्तिधाम बनाया गया है। जहां अब गौ-माता का विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार हो सकेगा। विश्व का पहला बनाया गया यह गौ-मुक्तिधाम करीब दो एकड क्षेत्र में फैला है।
गौ-माता की मृत्यु के बाद होने वाली दुर्दशा से चिंतित लोगों द्वारा एक अनोखी पहल की गई। बुधवार को महेश्वर में देश के प्रसिद्ध संत टाटम्बरी सरकार और महेश्वर क्षेत्र के समाजसेवी और संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ के भाई देवेन्द्र साधौ द्वारा विद्वान पंडितों की मौजूदगी में एक ऐतिहासिक और अनोखी पहल करते हुए विश्व के पहले गौ-मुक्तिधाम का विधिवत शुभारंभ किया गया।
विष्व के पहले गौ-मुक्तिधाम को लेकर समाजसेवी देवेन्द्र साधौ का कहना है कि सदियों से गौ-माता और गौशाला का महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि गौ-माता में 33 करोड देवी-देवताओं का वास होता हैं। मौत के बाद गौ-माता की बड़ी दुर्दशा होती है। इसको देखते हुए प्रण लेकर 10 दिन के भीतर ही यह विश्व का पहला गौ-मुक्तिधाम बनाया है।