छिंदवाड़ा। लैक्मे फैशन वीक के जिस मंच पर बड़े-बड़े सेलिब्रिटी और मॉडल शिरकत करते हैं। उस मंच पर जब छिंदवाड़ा जिले का एक युवा किसान पहुंचा तो हर किसी की आंखे उसी पर ठहर गई। किसान ने मंच से जैविक कपास की खेत के फायदे गिनाए।
दरअसल हम बात कर रहे हैं छिंदवाड़ा के जोबनी खापा के रहने वाले युवा किसान अंकुश पाटिल की। एमबीए की पढ़ाई कर चुके अंकुश ने नौकरी करने की बजाय खेती की तरफ रुख किया। रासायनिक खेती के इस दौर में अंकुश ने तीन साल पहले जैविक कपास ऊगाना शुरू किया।
अंकुश बताते है कि वैसे तो जैविक कपास से बने कपड़े और रासायनिक कपास से बने कपड़ों में ज्यादा अंतर नहीं होता है। लेकिन जैविक कपास से बने कपड़ों से शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती है।
अंकुश का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि कभी लैक्मे फैशन वीक जैसे बड़े फैशन शो में जाने का मौका मिलेगा। मैं जब वहां गया तो बड़े-बड़े फैशन डिजाइनरों को जैविक कपास से बनने वाले कपड़ों के फायदे के बारे में बताया।