बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक पुलिस जवान की पत्नी अपने बंधक पति को छुड़ाने के लिए नक्सलियों की जन अदालत में पहुँच गई। महिला ने नक्सलियों से अपने पति की जान की गुहार लगाई। आखिर में नक्सलियों ने पुलिस की नौकरी छोड़ने का वादा लेते हुए महिला के पति को छोड़ दिया।
दरअसल बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम में पुलिस आरक्षक के पद पर तैनात संतोष कट्टम 4 मई को गोरना गांव में मेला देखने गए थे। इस दौरान नक्सलियों की गंगालूर एरिया कमिटी ने संतोष का अपहरण कर लिया। नक्सली संतोष की आंखो पर पट्टी बांधकर उसे जंगल में घुमाते रहे।
इस बीच संतोष की पत्नी सावित्री अपने पति की जान बचाने के लिए दर-दर भटकती रही। आख़िरकार कुछ पत्रकारों ने सावित्री का साथ दिया। पत्रकारों ने सावित्री को बताया कि संतोष को सजा देने के लिए नक्सलियों ने जन-अदालत लगाई है।
इस पर संतोष पत्रकारों और अपनी 10 साल की बेटी के साथ नक्सलियों की जन-अदालत में पहुंच गई। सावित्री ने नक्सलियों से अपने पति की जान की गुहार लगाई। सावित्री की गुहार सुन नक्सलियों ने संतोष को छोड़ने का निश्चय किया। हालाँकि इसके बदले नक्सलियों ने संतोष से वादा लिया कि वह पुलिस की नौकरी छोड़ देगा। नक्सली नेता दिनेश मोडियाम ने कहा है कि आरक्षक संतोष अब पुलिस की नौकरी छोड़ खेती-बाड़ी कर जीवन यापन करे।