एक्सपोज़ टुडे।
इंदौर में पदस्थ रहे पूर्व जाइंट कमिश्नर और वर्तमान में इंदौर में पदस्थ डीएसपी के पिता पर लोकायुक्त में एफ़आइआर दर्ज हुई है। पूर्व जाइंट कमिश्नर कॉपरेटिव जगदीश कन्नौज पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में एफ़आइआर दर्ज की गई है। कन्नौज की बेटी इंदौर ग्रामीण में एसडीओपी है। इस मामले को लेकर पूर्व जाइंट कमिश्नर कॉपरेटिव कन्नौज का कहना है यह प्रकरण शासन से ही ख़त्म हो चुका है। कन्नौज ने इसके आदेश के पत्र भी दिखाए है।
यह है मामला
7 अप्रेल .2017 को आवेदक माणकचंद मारू, पूर्व अध्यक्ष चाणक्य गृह निर्माण सहकारी संस्था इंदौर निवासी अनूप नगर इंदौर ने लोकायुक्त में शिकायत की थी की चाणक्यपुरी गृह निर्माण सहकारी संस्था इंदौर के अतंर्गत नर्मदा नगर (चाणक्यपुरी) ग्राम तेजपुर गड़बड़ी दशहरा मैदान रोड़ इंदौर स्थित भूखंड क्र. 58 क्षेत्रफल 1815 वर्गफीट तत्कालीन उप पंजीयक जगदीश कन्नौज, तत्कालीन सहकारिता निरीक्षक एस.एल.नागर तथा तत्कालीन अंकेक्षण अधिकारी डी.एस.चौहान ने षड़यंत्र पूर्वक आपसी संगमत होकर अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करते हुए स्वयं के हस्ताक्षर से समिति का गठन किया गया जिसमें जगदीश कन्नौज ने सहकारी सोसायटी अध्यक्ष के रूप में स्वयं को तथा डी.एस.चौहान को सदस्य और एस.एल.नागर को संयोजक नियुक्त करने का आदेश जारी किया।10. अक्टूबर .2012 को कमेटी की आनन-फानन में बैठक की गई और भूखंड क्र. 58 जो कि चाणक्यपुरी गृह निर्माण सहकारी संस्था के कम्युनिटी हॉल निर्माण के लिए न्यायालय द्वारा घोषित हुआ था, उसे मात्र 5445/- रूपये में महेश पिता भगवत साबू निवासी गुमास्ता नगर इंदौर के पक्ष में दिनांक 15. अक्टूबर .2012 को विक्रय पत्र निष्पादित कर दिया, जबकि उक्त भूखंड की वास्तविक कीमत 54,00,000/- रूपये थी। लोकायुक्त इंदौर व्दारा दिनांक 01.03.2023 को आरोपी श्री जगदीश कन्नौज तत्कालीन उप पंजीयक, श्री डी.एस. चौहान तत्कालीन अंकेक्षण अधिकारी सहकारिता विभाग इंदौर एवं महेश पिता भगवत साबू निवासी गुमास्ता नगर, इंदौर के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान एवं भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपराध है।॥
लोकायुक्त ने अपराध क्रमांक* – 0/04/2023 *धारा* – 120बी भा.द.वि. एवं 7सी भ्रष्टाचार निवारण (सं)
अधिनियम 2018 के तहत एफ़आइआर दर्ज की है।
यह षड्यंत्र है राज्य शासन इस प्रकरण को ख़त्म कर चुका है
जगदीश कन्नौज, पूर्व जाइंट कमिश्नर कॉपरेटिव
आपके ख़िलाफ़ लोकायुक्त में एफ़आइआर दर्ज हुई है ?
– मुझे पता लगा है लेकिन यह मामला एक साल पहले ख़त्म हो चुका है।
कहाँ से ख़त्म हुआ है ?
– राज्य शासन ने इसकी जाँच बैठाई थी जाँच में शिकायत को निराधार पाया गया।
मामला ख़त्म हो गया इसका क्या प्रमाण है ?
– हमें शासन से पत्र भेजा है उसकी कॉपी है हमारे पास
एफ़आइआर दर्ज होने के बाद आप क्या करेंगे ?
– हम शासन के पास जाएँगे नहीं तो कोर्ट है हम कोर्ट जाएँगें।