जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में आठ लोगों के जिंदा जलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी है। घटना के बाद कार्रवाई करते हुए शहर में नियम विरुद्ध तरीके से संचालित 12 निजी अस्पतालों का पंजीयन प्रभाव से निरस्त कर दिया है।वहीं इन अस्पतालों में नए मरीजों को भर्ती करने पर भी रोक लगा दी गई है। जबकि सूचना है की नियम विरुद्ध तरीके से संचालित निजी अस्पतालों की संख्या 50 से ज्यादा है।
मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद डा. रत्नेश कुरारिया को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पद से हटा दिया गया है। क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डा. संजय मिश्रा को सीएमएचओ पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। डा. कुरारिया को क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं कार्यालय सागर में अटैच किया गया है। बुधवार को डा. मिश्रा के हस्ताक्षर से अस्पतालों का पंजीयन निरस्त करने का आदेश जारी किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में उन अस्पतालों को भी लाइसेंस दे दिया था जहां मरीजों की सुरक्षा के किसी भी तरह के इंतजाम नहीं मिले। ऐसे भी अस्पताल सामने आए जिनके संचालकों ने फायर एनओसी के लिए नगर निगम में आवेदन तक नहीं किया था। स्वास्थ्य विभाग व फायर सेफ्टी विभाग के अधिकारी अनजान बने रहे। कुछ अस्पताल संचालकों ने नगर निगम में फायर एनओसी के लिए जमा की गई रकम की रसीद दिखा दी। 8 लोगों की मौत के बाद जागे स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक एक निजी अस्पताल के दस्तावेजों की जांच कर भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है।