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एक्सपोज़ टुडे।
एमपी में कस्टोडियन डेथ और जेल में मारपीट के आरोप में कोर्ट ने दो टीआई, जेलर, डॉक्टर सहित पुलिसकर्मियों पर दिए 302 मर्डर की एफ़आइआर के आदेश।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भोपाल स्नेहा सिंह ने आज आरोपी गण भोपाल के थाना प्रभारी एशबाग़ मनीष राज भदोरिया, जेलर आलोक बाजपाई, T.I. डी एल यादव, हमीदिया अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉक्टर आनंद साह, पुलिसकर्मी प्रधान आरक्षक एहसान,मुरली दिनेश चिरौंजी पर हत्या तथा साक्ष्य मिटाने, षड्यंत्र करने का धारा 302,201, 120 बी केस दर्ज कर समन जारी कर 27/6/22 को कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए
‘’फरियादि की और से अधिवक्ता यावर खान ने पैरवी की’’
1 मृतक मोहसीन को दिनांक 04.06.2015 को काईम थाना, भोपाल के पुलिसकर्मी अभियुक्त आरोपी गढ़ अहसान मुरली दिनेश व चिरोजी ने अवैध तरीके से पैसो की मांग कर परिवादी के पुत्र मोहसीन का अपहरण कर उसे जबरदस्ती घर से उठाकर क्राईम थाना, भोपाल ले गये थे तथा इन लोगो ने काईम थाना, भोपाल में मोहसीन को रखकर आत्याधिक गंभीर मारपीट की, मोहसीन को करंट लगाया गया, उसके साथ थर्ड डिग्री मारपीट की, मोहसीन के सिर में, हेलमेट लगाकर उसके हाथ एवं पैरो को रस्सीयों से बांधकर, उसे रातभर थाने में बैठाये रखा।
2 मोहसीन के काईम थाना, भोपाल में निरूद्व रहने के दौरान जब परिवादी व उसका पुत्र उससे मिलने थाने गये, तब मोहसीन ने स्वयं बताया था कि उसके साथ उक्त सभी पुलिसकर्मीयों अभियुक्त क्रमांक 01 से 4 ने बरबरतापूर्ण मारा है, करंट लगाया व सिर में हेलमेट लगाकर व रस्सी से बांधकर, रातभर थाने में बिठाला तथा स्वयं मुझसे उक्त पुलिसकर्मीयों ने डी.एस.पी. के कक्ष में बुलवाकर मुझसे रूपये 2,00,000/- (दो लाख रूपये मात्र) मांगे और परिवादी से कहा कि अभियुक्त क्रमांक 01 से 04 को पैसे नही दिये तो वह उसको ओर मारेगे और झूठा कैस भी लगायेंगे।
3 यह कि इसके बाद अभियुक्त कमांक 4 से ने मोहसीन को गंभीर मारपीट कर उसे थाना टी.टी.नगर, भोपाल के सुपुर्द कर दिया, जहां अभियुक्त क्रमांक 7 डी.एल. यादव व क्रमांक 8 मनीष राज भदोरिया ने मोहसीन को हाथ पैरो से मारा व करंट लगाकर प्रताड़ना तथा इन लोगों ने भी परिवादी से रूपये 2,00,000/-(दो लाख रूपये मात्र) की मांग की,
4 बंदी मोहसिन जो कि परिवादी का पुत्र है उसे केन्द्रीय जेल भोपाल एवं थाना टीटी नगर तथा काईम ब्रांच भोपाल की अभिरक्षा में पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट किये जाने के फलस्वरूप मोहसीन की मृत्यु 23.06.2015 को हुई थी
2 मोहसीन ने जैल मे बताया कि जेल में रहने के दौरान उसे अभियुक्त मानसिक रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉक्टर आनंद साह, व जेलर ने बहुत मारपीट की है और उसके दोनो पैरो व हाथो में रस्सी से बांधकर दिनभर एक कोठरी में रखा और मानसिक रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉक्टर आनंद साह,ने मोहसीन को आयी चोटो का जानबूझकर इलाज नहीं किया अभियुक्तगण द्वारा की गयी गंभीर मारपीट से मोहसीन के शरीर में गंभीर उपहति हुई थी, परन्तु मानसिक रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉक्टर आनंद साह, ने_जानबूझकर उसका एक्सरे एम.आर.आई-अल्ट्रा ने मोहसीन साउण्ड, सीटी स्केन नही किया और रूपये 1,00,000/- (एक लाख रूपये मात्र) की मांग भी की और मोहसीन के कूटरचित विक्षित पागल होने के संबंध में झूठे पर्चे बनाये और इसी अभियुक्त ने मोहसीन को ग्वालियर चिकित्सालय भेजने की टीप अंकित की बताया कि मोहसीन ने यह भी रोते हुए आत्याधिक धीमी आवाज में जेल के दोनो अधिकारियों ने भी मुझे करंट लगाकर मारपीट की।
3. यह कि दिनांक 23.06.2015 को अर्द्ध रात्रि के समय परिवादी को जानकारी प्राप्त हुई कि उसके पुत्र मोहसीन की मृत्यु ग्वालियर में हो गयी है परिवादी व उसका छोटा पुत्र यासीन जल्दी ही किसी तरह दिनांक 25.06. 2015 को पहुंचे तो वह पता चला कि उसे मानसिक रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉक्टर आनंद साह, ने जेल के के साथ मिलकर फर्जी पागल होने के पर्चे बनाकर उसके पुत्र को पागल घोषित कर, उसके साथ गंभीर मारपीट कर दिनांक 23/06/2015 को सुबह 6 बजे ग्वालियर भेज दिया था और उसी दिवस मोहसीन की मृत्यु हो गयी।
4 हत्या के अगले दिवस ही परिवादनी द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध हत्या का प्रकरण दर्ज किये जाने बावत् पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये थे
8 यह कि न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, भोपाल श्री विपीन्द्र यादव,साहब द्वारा दिनांक 06/02/2017 को मोहसीन की केन्द्रीय जेल भोपालमें हुई कथित मृत्यु के संबंध में अन्तर्गत धारा 176 द.प्र.स. के तहत जांच प्रतिवेदन तथा निष्कर्ष पारित किये गयेइस जांच न्यायिक प्रतिवेदन में मजिस्ट्रेट महोदय ने अंतिम निष्कर्ष के पैरा में यह लेख किया है कि –
“पैरा क्रमांक-20 में आये निष्कर्ष अनुसार मृतक विचाराधीन बंदी मोहसीन थाना-टी.टी.नगर द्वारा अपराध कमांक 354 धारा 393 में प्रथम बार गिरफ्तार किये जाने के समय शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ था। पैरा कमांक 21,22 एवं 23 में आये निष्कर्ष से आये बंदी के साथ अभिरक्षा अर्थात् पुलिस या न्यायिक अभिरक्षा में अमानवीय व्यवहार अर्थात् मारपीट की जाना एवं बंदी को मानसिक रूग्णता कारित होना पाया गया है। यद्यपि शव परीक्षण विलंब से होने के कारण शव के सड़ जाने के कारण बंदी को कारित चोटो की अवधि एवं मृत्यु का प्रत्यक्ष कारण नही बताया जा सका, किन्तु कथित अपराध में गिरफ्तारी के पूर्व बन्दी का शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होना व अभिरक्षा के दौरान बंदी के साथ मारपीट व चोटे पहुंचाये जाने एवं मानसिक रूग्णता कारित होने संबंधी उपलब्ध स्पष्ट साक्ष्य एवं उपचार के दौरान बंदी को कोई प्राण घातक प्रकृत्ति की बीमारी न पाये जाना, जिससे कि उक्त बीमारी से बंदी की मृत्यु होना संभावित माना जा सके, आदि तों से बंदी की मृत्यु अभिरक्षा अर्थात् पुलिस एवं न्यायिक अभिरक्षा के दौरान कथित मारपीट, अमानवीय व्यवहार व उससे कारित मानसिक अस्वस्थता के संयुक्त परिणाम स्वरूप संदिग्ध परिस्थितियों में होना साबित है।”
9. “न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदय ने केन्द्रीय जेल भोपाल से मोहसीन को ग्वालियर भेजने की दिनांक के केन्द्रीय जेल भोपाल के मुख्य गेट पर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरे की रिकार्डिग तलब की,
तब केन्द्रीय जेल भोपाल द्वारा यह जवाब प्रस्तुत किया गया कि उनके यहां उक्त रिकार्डिग सेव नही है, इस प्रकार अभियुक्तगण स्वयं के बचाव के लिये साक्ष्य को विलोपित किया, कैमरे में सेव हुई रिकार्डिग को मिटा दिया।
इस प्रकरण में फरियादी सीमा की ओर से अधिवक्ता यावर खान ने पैरवी की
थाना प्रभारी एशबाग़ मनीष राज भदोरिया, जेलर आलोक बाजपाई, T.I. डी एल यादव, हमीदिया अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉक्टर आनंद साह, पुलिसकर्मी प्रधान आरक्षक एहसान,मुरली दिनेश चिरौंजी पर हत्या तथा साक्ष्य मिटाने, षड्यंत्र करने का धारा 302,201, 120 बी केस दर्ज कर समन जारी कर 27/6/22 को कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए
इस प्रकरण में फरियादी सीमा की ओर से अधिवक्ता यावर खान ने पैरवी की