राजगढ़। जहाँ एक तरह धनतेरस पर पूरा देश धन की देवी लक्ष्मी की पूजा कर रहा था। वहीँ दूसरी तरफ एक कलयुगी मां ने अपने घर की लक्ष्मी को मरने के लिए रेल्वे ट्रेक पर छोड़ दिया। जब रास्ते से गुजर रहे लोगों को मासूम के रोने की आवाज सुनाई दी तो वह रेल्वे ट्रेक पर पहुंचे। जहाँ उन्हें झोले में कुछ कपड़ों में लिपटी हुई मासूम दिखाई दी।
मामला राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर का है। इंदौर रोड पर परसूलिया के समीप रेलवे क्रॉसिंग के पास कुछ लोगों को एक नवजात रोती हुई मिली। नवजात को कोई झोले में कपड़ों के साथ लपेटकर फेंक गया था। बच्ची को इतनी बेरहमी से फेंका गया था कि उसे सिर के आगे व पीछे गंभीर चोट लगी।
लोगों ने तुरंत मामले की जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलने पर करनवास थाने की टीम तुरंत वहां पहुंची और टीम के आरक्षक राजेंद्र कुमार, मुकेश्वर सिंह और पायलेट कन्हैया यादव ने बच्ची को सकुशल अस्पताल तक पहुंचाया। अस्पताल की मैटरनिटी टीम, डॉक्टर्स ने उसका प्राथमिक उपचार किया और एक घंटे तक स्टेबल करने के बाद उसे एनबीसीयू के लिए राजगढ़ रेफर कर दिया, जहाँ शनिवार सुबह बच्ची की मौत हो गई।
डॉक्टर्स का कहना है कि बच्ची का जन्म कुछ ही समय पहले हुआ था। उसे सर और गर्दन पर गंभीर चोंटे लगी थी। बच्ची के शरीर पर कीचड़ लगा हुआ था। बच्ची को जन्म के एक या दो घंटे बाद ही फेंका गया था। पुलिस को मौके पर बच्ची के साथ अन्य झोले और कुछ कपड़े भी मिले हैं। इससे पुलिस अंदाजा लगा रही कि उनकी पहचान के आधार कुछ जांच की जाए।