November 22, 2024

कमिश्नर और आईजी को मानव अधिकार आयोग का नोटिस।

एक्सपोज़ टुडे, भोपाल।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय सदस्य मनोहर ममतानी ने आज मानव अधिकार हनन से जुड़े चार मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों से प्रतिवेदन मांगा है।

स्वास्थ्य मंत्री की प्रेस कांफ्रेस में भीड, कैसे रूकेगा कोरोना

*इन्दौर शहर में* बीते बुधवार को मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की प्रेस कांफ्रेंस में अधिक भीड जमा होने और वहां कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किये जाने वाली घटना पर आयोग द्वारा स्व-संज्ञान लिया गया है। इस मामले में आयोग ने कमिश्नर, इंदौर एवं पुलिस महानिरीक्षक, इन्दौर से अगले 07 दिवस में निम्नांकित नौ बिन्दुओं पर प्रतिवेदन मांगा है:-

*(1) किन परिस्थितियों में इतनी अधिक संख्या में मीडियापर्सन्स आदि व अन्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्रेस काॅन्फ्रेंस की गई ? (2) क्या कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कलेक्टर, इंदौर द्वारा पारित प्रतिबंधात्मक आदेश के प्रावधान ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस के आयोजन पर लागू नहीं होते हैं ? (3) किस प्रशासनिक अधिकारी की स्वीकृति पर ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित की गई थी ? (4) क्या प्रेस काॅन्फ्रेंस के लिए मीडियापर्सन्स व अन्य उपस्थित व्यक्तियों की कोई संख्या सुनिश्चित की गई थी ? (5) क्या ऐसी किसी संख्या से अधिक व्यक्ति प्रेस काॅन्फ्रेंस में शामिल नहीं हो सकें, इसकी कोई व्यवस्था/पर्यवेक्षण की कार्यवाही की गई थी ? (6) ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेस के दौरान प्रशासनिक/पुलिस अधिकारियों द्वारा उपस्थित मीडियापर्सन्स एवं अन्य व्यक्तियों के मध्य अपेक्षित सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित किये जाने के लिए कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई ? (7) क्या ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित किये बिना वांछित बिन्दुओं पर प्रेस विज्ञप्ति जारी किया जाना संभव नहीं था ? (8) प्रेस काॅन्फ्रेंस में कलेक्टर, इंदौर के प्रतिबंधात्मक आदेश/कोविड प्रोटोकाल के उपरोक्त उल्लंघन की परिस्थितियों को देखते हुए इस संबंध में क्या किसी व्यक्ति के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है ? यदि नहीं की गई है, तो क्यों नहीं की गई है ? (9) कोरोना संक्रमण की वर्तमान गंभीर परिस्थितियों में भीड़युक्त ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस के स्थान पर वीडियो कान्फ्रेसिंग या अन्य डिजीटल माध्यम से ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस या उसके विकल्प में केवल महत्वूर्ण बिन्दुओं की जानकारी देते हुए केवल प्रेस विज्ञप्ति जारी किये जाने की संभावना पर भी स्पष्ट प्रतिवेदन प्रेषित किया जाये।*

*भोपाल मेमोरियल अस्पताल में संक्रमित महिला से वार्ड ब्वाॅय द्वारा दुराचार करने का मामला*

*आयोग ने डीआईजी भोपाल से 10 दिन में मांगा प्रतिवेदन*

*भोपाल मेमोरियल अस्पताल में* कोरोना संक्रमित महिला के साथ एक वार्ड ब्वाॅय द्वारा दुराचार करने, हादसे के बाद अगले दिन महिला की मौत हो जाने और पुलिस-अस्पताल द्वारा अब तक इस घटना के बारे में महिला के परिवार वालों को जानकारी नहीं देने के गंभीर मामले पर आयोग ने त्वरित संज्ञान लिया है। इस मामले में आयोग ने *उप पुलिस महानिरीक्षक, भोपाल से जांच कराकर की गई कार्यवाही का तथ्यात्मक प्रतिवेदन अगले 10 दिवस में मांगा है।*

*अब तो उम्मीद भी खोने लगा हूं, फुटपाथ ही बन गया है घर*

*भोपाल शहर के* एक मजदूर की बदहाली पर भी आयोग ने संज्ञान लिया है। मजदूरी करने वाले रंजीत सिंह का कहना है कि हम पहले हबीबगंज के पास झुग्गी में रहते थे। वहां से झुग्गियां तोडकर हमें दूसरी जगह प्लाॅट मकान देने की बात की गई। इसमें सभी लोगों को सरकार की तरफ से जगह मिली पर मुझे आज तक कुछ नहीं मिला। काम धंधा और किराये का मकान कोरोना कफ्र्यू की वजह से छूट गया। फिलहाल न्यू मार्केट में फुटपाथ में रहना पड रहा है। उसने बताया कि मैं बीस साल से नगर निगम और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहा हूं। मगर कुछ भी हाथ नहीं लगा। अब तो मैंने उम्मीद भी खो दी है। इस मामले में आयोग ने *कलेक्टर एवं आयुक्त, नगर निगम, भोपाल से जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन अगले 15 दिवस में मांगा है। आयोग ने इन अधिकारियों से यह भी कहा है कि पीडित मजदूर रंजीतसिंह के आवास हेतु अस्थाई वैकल्पिक व्यवस्था की संभावना को भी ध्यान में रखते हुये कार्यवाही करें, इसके पश्चात ही तथ्यात्मक प्रतिवेदन भेजा जाये।*

*रीवा जिले का मामला – बंधक बनाकर युवक को पीट-पीटकर मार डाला*

*रीवा जिले में* तीन लोगों ने एक युवक को पहले बंधक बनाया, फिर पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। आरोपियों ने शव को भी सडक पर फेंक दिया। घटना सिरमौर थाने के मरैला थाने की है। यहां के दीपू सिंह उर्फ जितेन्द्र पिता मोरध्वज का बीते बुधवार को लल्ली साकेत के परिवार से विवाद हो गया था। उसी दिन शाम को आरोपियों ने दीपू को घर में बंधक बनाकर मारपीट की। फरसा, राॅड व डंडे से उसे तब तक मारा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। इस मामले में आयोग ने *पुलिस अधीक्षक, रीवा से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का तथ्यात्मक प्रतिवेदन अगले 10 दिवस में मांगा है।

Written by XT Correspondent