एक्सपोज़ टुडे,इंदौर/नई दिल्ली/राजसमंद।
राजस्थान के राजसमंद के गांव पिपलांत्री का नाम देश और दुनिया के नक्शे पर चमकाने वाले पर्यावरणविद श्याम सुंदर पालीवाल को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
राजस्थान के राजसमंद में पिपलांत्री गाँव में बेटी जन्म पर 111 पौधे लगाने की परंपरा आरंभ करने तथा पिछले 15 साल में किए गए महान सामाजिक कार्यों के चलते इंदौर के दामाद पर्यावरणविद श्याम सुंदर पालीवाल को पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया है। गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने उनके नाम का ऐलान किया।
श्याम जी का विवाह लक्ष्मण जोशी की बड़ी बेटी अनिता से 1987 में हुआ था। लक्ष्मण जोशी के पुत्र दिनेश जोशी इंदौर दैनिक भास्कर में वरिष्ठ संवाददाता हैं।
बेटी पैदा होने पर गांव में लगाते हैं 111 पौधे
श्याम सुंदर पालीवाल बताते हैं पिपलांत्री को बदलने की शुरुआत हमने सन 2007 से की। यहाँ बेटियों के जन्म पर यहां पूरे गांव में खुशियां मनाई जाती है और उस बेटी के नाम पर 111 पौधे लगाए जाते हैं। इतना ही नहीं उस बेटी के नाम पर 18 साल के लिए 31 हजार की एफडी करवाई जाती है। तब तक यह राशि कई गुना बढ़ जाती है। जो बाद में उस बेटी की पढ़ाई और शादी में खर्च होती है। ऐसे ही बेटियों के नाम यहां अलग से एक और ‘कन्या उपवन’ तैयार किया गया है।इसमें 1 लाख पौधे हैं। गाँव के किसी व्यक्ति का स्वर्गवास होने पर उसकी स्मृति में 11 पौधे लगाने की भी परम्परा भी यहां चल रही है। सबसे अनूठी बात यह है कि जन्म लेने वाली सारी बेटियां रक्षाबन्धन से एक दिन पहले अपनी माँ, नानी या दादी के साथ यहां पंहुचती है और अपने नाम से लगे पौधों को राखी बांधती हैं। राखी से एक दिन पूर्व बड़ा आयोजन किया जाता है। पंचायत के इन्ही सब कार्यों को देखते हुए इसे 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से ‘निर्मल पंचायत सम्मान’, 2008 में गणतंत्र दिवस ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डेनमार्क और अमेरिका के स्कूलों में पिपलांत्री की कहानी कोर्स में शामिल है।
अब तक मिल चुके 3 हज़ार अवार्ड
खास बात यह है कि यहां दुनियाभर से पर्यटक आते हैं। अब तक पालीवाल जी को देश और दुनियाभर से 3000 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय स्तर के अवार्ड मिल चुके हैं।