राजगढ़। मप्र के हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में प्रतिदिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जांच कर रही पुलिस इस कांड की हर कड़ी को जोड़ने में लगी है। इसी क्रम में हनीट्रैप मामले में पुलिस आरोपी मोनिका यादव के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ से 8 किमी दूर संवासी गांव पहुंची। पुलिस के पहुंचने के बाद इस गांव में मोनिका को लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गईं। इस गांव के लोगों को यह विश्वास ही नहीं हो रहा है कि गांव की जो लड़की भोपाल पढ़ने के लिए गई थी वह हनीट्रैप जैसे काम में भी सक्रिय थी। गांव के सरपंच इंदर सिंह लहरी का कहना है कि गांव में मोनिका का परिवार सीधा साधा है और कृषि काम ही इस परिवार की आय का मुख्य स्त्रोत है। सरपंच ने बताया कि सोमवार की रात को पुलिस आई थी और बयानों के लिए मोनिका के पिता हीरालाल यादव को इंदौर ले गई। वैसे मोनिका के परिवार में कुल चार सदस्य है। माता-पिता के अलावा एक बड़ा भाई भी जो पिता के साथ ही गांव में कृषि कार्य करता है। गांव के ओमप्रकाश मीणा, मुकेश विश्वास का कहना है कि मोनिका की प्रारंभिक पढ़ाई गांव में ही हुई। इसके बाद वह व्यावरा में पढ़ने चली गई। वहीं से वह भोपाल उच्च शिक्षा के लिए गई।
मोनिका के परिजनों से मिलने पहुंची थी आरती
संवासी गांव से मोनिका के पिता को पुलिस ने पूछताछ के लिए उठाया है। इंदौर पुलिस की स्पेशल टीम सोमवार की रात को आरोपी मोनिका यादव को साथ लेकर संवासी गांव पहुंची। कुछ देर तक पूछताछ करने के बाद स्पेशल पुलिस टीम मोनिका के पिता को अपने साथ लेकर इंदौर के लिए रवाना हो गई। पुलिस जांच में सामने आया है कि कुछ महीनों पहले इस कांड की एक अन्य आरोपी आरती दयाल अपने तीन अन्य साथियों के साथ सांवसी गांव मोनिका के परिवार से मिलने भी आई थी। तब यहां पर आरती ने मोनिका के परिवारजनों से कहा था कि वह एनजीओ चलाती है और मोनिका को नौकरी देकर भोपाल में खुद के खर्चे पर पढ़ाएगी भी।
आरती दयाल पर फूट रहा है मोनिका का गुस्सा
इंदौर में निगम इंजीनियर से 3 करोड़ रुपए की मांग के बाद हनीट्रैप का पूरा मामला सामने आया था। जिसमें राजगढ़ जिले नरसिंहगढ़ के संवासी गांव निवासी मोनिका यादव भी शामिल है। हनीट्रैप गैंग के साथ पकड़ाई बीएससी की छात्रा मोनिका यादव ने पुलिस से पूछताछ में कई बातों का खुलासा किया था। सूत्रों ने बताया है कि मोनिका का गुस्सा सरगना आरती दयाल पर भी फूटा और कहा था कि उसका रौब देखकर मैं प्रभावित हो गई और नौकरी के चक्कर में उससे जुड़ गई। उसने कमरे में कब वीडियो बना लिया, पता नहीं चला। मोनिका ने पूछताछ में कहा कि उसके कारण जीवन बर्बाद हो गया।
फेसबुक से हुई थी जान पहचान
बताया जा रहा है कि पुलिस पूछताछ में मोनिका ने बताया है कि आरती मैडम से मेरी दोस्ती 6 महीने पहले फेसबुक पर हुई थी। उनकी प्रोफाइल देखने के बाद मैं उनसे जुड़ गई, क्योंकि मैं भोपाल के एक होस्टल में रहकर पढ़ाई करती हूं। गरीब परिवार से हूं और पिता नरसिंहगढ़ में किसान हैं। मुझे नौकरी की जरूरत थी। इसलिए मैंने आरती मैडम से मदद मांगी। मैडम ने मुझे भोपाल के एक होटल में निगम इंजीनियर हरभजन सिंह से मिलवाया। फिर इंजीनियर दो-तीन बार और भोपाल आए। वहां मुझसे होटल में मिले। पहले मेरे साथ आरती मैडम कमरे में रहती थी और इंजीनियर के आते ही चली जाती थी। सूत्र बताते हैं कि पुलिस पूछताछ में मोनिका ने बताया है कि आरती मैडम वैसे इंजीनियर से वे इसके बदले में क्या डिमांड करती थी, ये वे ही जाने, लेकिन इंजीनियर ने एक बार मुझे आठ हजार रुपए दिए थे। मैं अफसर बनने का सपना लेकर भोपाल आई थी, पर आरती से दोस्ती में सब बर्बाद हो गया।