बिलासपुर। वैसे तो कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देशभर में कई क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ का एक क्वारंटाइन सेंटर एक दिनों देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल इस क्वारंटाइन सेंटर में सिर्फ बाहर से आने वाली गर्भवती महिलाओं को ही ठहराया जा रहा है। यहां गर्भवती महिलाओं को सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस क्वारंटाइन सेंटर का जिक्र किया है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के बिल्हा क्षेत्र के केशला गांव के बने इस क्वारंटाइन सेंटर में गर्भवती महिलाओं की विशेष देखरेख की जा रही है। उन्हें स्वच्छता के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। संक्रमण से दूर रखने के लिए सेंटर में 24 घंटे में 3 बार साफ-सफाई की जा रही है। जरूरत पड़ने पर इन गर्भवती महिलाओं को नजदीकी शासकीय अस्पताल में भी लाया जाता है और चेकअप के बाद दोबारा क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया जाता है।
वर्तमान में इस क्वारंटाइन सेंटर में आठ गर्भवती महिलाओं को रखा गया है। इन महिलाओं को दिन में तीन बार पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। इसके साथ ही चाय, नाश्ता भी उपलब्ध कराया जा रहा है। क्वारंटाइन सेंटर में गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशु की देखरेख के लिए डॉक्टर की तैनाती भी की गई है। क्वारंटाइन सेंटर में मौजूद मेडिकल स्टाफ गर्भवती महिलाओं की देखरेख करता है। ताकि गर्भवती महिलाओं और उसके आने वाले बच्चों की अच्छे से देखभाल हो सके।
इस क्वारंटाइन सेंटर में गर्भवती महिलाओं के मेडिकल चेकअप के साथ ही उनकी कोरोना की भी जांच की गई है। जिसमें किसी की भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। यहां मौजूद स्टाफ नर्स ने बताया कि 24 मई से शुरू हुए इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में शुरुआत में 10 गर्भवती महिलाएं थी जिनमें से 2 महिलाओं को घर भेज दिया गया जिसके बाद अब 8 गर्भवती महिलाएं क्वॉरेंटाइन सेंटर में मौजूद हैं। ग्राम केशला में बना प्रदेश का एकमात्र गर्भवती महिलाओं के लिए बना क्वॉरेंटाइन सेंटर अपने आप में किसी नजीर से कम नहीं है जो गर्भवती महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है।