एक्सपोज़ टुडे, भोपाल। कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश सरकार चुनावी यात्राओं और कलश यात्राओं में मशगूल है। प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट गहरा रहा है। प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है। कोरोना के एक्टिव केस बढ़ने से मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है। जबकि दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार ने अन्य राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। ऐसे में प्रदेश में ऑक्सीजन संकट खड़ा हो सकता है।
सरकार का केवल प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर ध्यान है। जबकि प्रदेश तेज़ी से कोरोना फैल रहा है। मध्य प्रदेश में 77323 कोरोना पेशेंट हैं। 1609 मौतें कोरोना से हो चुकी हैं। लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। सरकार पूरे प्रदेश में कलश यात्रा और चुनावी शो कराने में व्यस्त है।
130 टन ऑक्सीजन महाराष्ट्र से
दरअसल महाराष्ट्र के प्लांटों से मध्यप्रदेश में रोजाना 130 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है, लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार ने ऑक्सीजन की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। दूसरी तरफ प्रदेश में अगस्त महीने में हर दिन 90 टन ऑक्सीजन की डिमांड रही है। वहीं आने वाले समय में एक्टिव केस में इजाफा होने पर ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ सकती है।
मध्यप्रदेश सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की है। साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में लगने वाली ऑक्सीजन की खपत को घटाकर उसका उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा मध्यप्रदेश में भी ऑक्सीजन तैयार करने की मात्रा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।