एक्सपोज़ टुडे, इंदौर।
कोई सम्मान पाने की ख़ुशी में पुलिस अफ़सरों को मिठाई खिला रहा था तो कोई भीगी आँखें लिए मदद की गुहार लेकर आया था। दीपावली के बाद पलासिया स्थित पुलिस कंट्रोल रूम परिसर में हुई पुलिस पंचायत में दो तरह का माहौल था। एक तरफ़ ख़ुशी तो दूसरी तरफ़ न्याय की आस ।
पुलिस पंचायत में उस वक्त खुशी का माहौल हुआ जब जिन बुजुर्गों के बच्चे उन्हें परेशान करते थे पुलिस पंचायत द्वारा उनका समझौता कराया गया था तथा दिवाली पर्व होने से वह खुशी-खुशी पुलिस पंचायत में आई पुलिस पंचायत की समिति को उन्होंने मिठाई खिलाई उनके आंखों में आंसू आ गए उन्होंने कहा कि अगर पुलिस पंचायत नहीं होती तो उनकी समस्या का समाधान कभी भी नहीं हो सकता था प्रशांत चौबे सर ने एक उनके बेटे के रूप में कार्य किया है जिसका तहे दिल से धन्यवाद देते हैं उनका अभिनंदन करते हैं।
दूसरा केस
पुलिस पंचायत में उस वक्त गमनीय माहौल हो गया जब एक 80 वर्षीय सीनियर सिटीजन ने अपने दोनों बेटों के संबंध में बताया कि उसके दोनों बेटों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया है तथा वह खुद ही अपना भरण-पोषण करते हैं ढेला चला कर वह ठेले पर ही सोते हैं पुलिस पंचायत ने तुरंत ही दोनों बेटों को बुलाया और फटकार लगाई कि वह अपने पिता के साथ ऐसा व्यवहार कैसे कह कर सकते हैं दोनों बेटों ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए कहा कि अब वह अपने पिता को इसी वक्त अपने घर ले जाएंगे दोनों टाइम ठीक प्रकार से खाना भी देंगे और नहीं उन्हें परेशान करेंगे दोनों पक्षों में समझौता हुआ है।
तीसरा केस
पुलिस पंचायत में एक बुजुर्ग द्वारा शिकायत की गई कि चलने में असमर्थ है उनका बेटा उन्हें बहुत परेशान करता है बेटा अलग रहता है इसके बावजूद भी वहां अपने पिता के पास आकर गाली गलौज करता था उनसे पैसे की डिमांड करता था और मकान में अपना हक चाहता था और बेटा मकान का बंटवारा चाहता था मैं यहीं पर रहूंगा पिता ने ऐसे करने का मना करा तो आए दिन शराब पीकर अपने पिता के साथ गाली गलौज करता था तथा मारपीट भी करता था पुलिस पंचायत ने बेटे को समझाइश दी कि उनके पिता तुम से भरण-पोषण भी नहीं चाहते हैं मगर वह शांति रहते हैं तुम अपने पिता को किसी भी प्रकार से परेशान नहीं करते हुए उनके साथ गाली गलौज नहीं करोगे नहीं तो सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत उन पर कार्रवाई की जाएगी बेटे ने कहा कि अब वह अपने पिता के साथ ऐसा vyavhar नहीं करेगा पिता ने अपने बेटे को माफ किया।
चौथा केस
90 वर्षीय बुजुर्ग महिला द्वारा शिकायत की गई थी उनके दो बेटे हैं तथा दोनों ही बैठे उनकी देखरेख नहीं करते हैं भरण पोषण भी नहीं देते हैं वह अपनी बेटी के पास में रहती हैं उनकी पति की मृत्यु भी हो चुकी है फिर भी बेटे उनका ध्यान नहीं रखते हैं दोनों बेटों को समक्ष में बुलाकर समझाइश दी गई दोनों बेटे खुशी खुशी अपनी मां को लेकर घर गए दोनों में समझौता हुआ।