एक्सपोज़ टुडे।
इंदौर में डी-लिस्टिंग विषय पर महारैली का आयोजन
जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले हुआ।इसके बाद लालबाग़ पैलेस इंदौर में डी-लिस्टिंग विषय को लेकर एक सभा का आयोजन किया गया । जिसमें इंदौर जिले के समस्त जनजाति सामाजिक संगठनों के सभी प्रतिनिधियो ने सभागिता करके इस विषय पर परिचर्चा की। भारतीय संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद 342 में अनुसूचित जनजाति को परिभाषित करते हुए उनकी विशिष्ट बोली, भाषा,संस्कृति रीति रिवाज एवं पारम्परिक न्याय व्यवस्था को संरक्षित रखने के साथ ही उनकी सामाजिक, शैक्षणिक
आर्थिक एवं राजनीतिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया ।यह आरक्षण उन्हें उनकी विशिष्ट संस्कृति एवं धार्मिक परम्परा के कारण दिया गया था।चूंकि वे लोग जो धर्मान्तरित होकर जनजाति समाज की संस्कृति, परम्परा, रीति रिवाजों और पूजा पध्दति का परित्याग करके अपनी संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य संस्कृति में ढल गए।इसके उपरांत भी वे आरक्षण एवं अल्पसंख्यक का दोहरा लाभ लेकर असली जनजातियों के हक को छीन रहे है,उन्हें जनजाति की सूची से अलग करना ही डी-लिस्टिंग अभियान का उद्देश्य है।
कार्यक्रम का शुभारंभ जनजाति समाज के महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवन के साथ हुआ।अतिथि परिचय राहुल बघेल ने दिया तथा कार्यक्रम की प्रस्तावना जिला संयोजक मनीष ठाकुर ने रखी।मुख्य वक्ता के रूप जनजाति सुरक्षा मंच प्रान्त संयोजक श्री कैलाश जी निनामा ने अपने उद्बोधन में स्व.कार्तिक उराँव जी के स्वप्न को पूर्ण करने एवं डी-लिस्टिंग के अभियान में आने वाली बाधाओं से लड़ने एवं कुछ वामपंथी विचारधारा के लोगों द्वारा भड़काए जाने एवं गलत दिशा में लेजाने की साजिश से सावधान रहने और अपने सनातनी धर्म के महत्व को समझ कर अपनी संस्कृति के सरक्षण की बात कही
।
डॉ. रेखा नागर ने अनुच्छेद 342 में हुई विसंगति का उल्लेख करते हुए धर्मान्तरित लोगों द्वारा किस हद तक छीने जा रहे असली जनजातियों के अधिकारों कि बात रखी ।अतिथियों के रूप में मंच पर श्री गोविन्द जी भूरिया , श्री रामकरन भाभर, गोपाल सिंगार, संत हीरा बाबा, श्रीमती अनिता मर्सकोले, श्रीमती सुनीता मोरी श्री दुर्गा पटेल, श्री शंकर लाल कटारिया आदि थे।इसके साथ ही जनजाति सुरक्षा मंच अखिल भारतीय संयोजक श्री सूर्यनारायणजी सूरी, श्री योगिराज परते, प्रान्त सह-संयोजक तिलकराज दांगी,जिला संगठन मंत्री श्री गणेश जी कुशवाह.युवा प्रमुख अमर ठाकुर,का सहयोग एवं उपस्थिति सराहनीय रही कार्यक्रम का संचालन प्रो. मदन सिंह वास्केल ने व आभार हरिशंकर सरयाम ने व्यक्त किया।सभा के पश्चात लालबाग़ पैलेस से कलेक्टर कार्यालय तक एक भव्य रैली निकाली गई।जिसमें बड़ी संख्या में जनजाति समाज के महिला -पुरूष, युवक -युवतिया एवं वरिष्ठजन हाथो में बैनर और तख्तियां लेकर नारे लगाते हुए कड़ी धूप में भी बड़े उत्साह से साथ सम्मिलित हुये।रैली के दौरान नगर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जगह जगह स्वागत मंच बना कर पुष्प, जल एवं ठंडाई आदि के द्वारा रैली का उत्साहवर्धन
करते हुए। सहयोग प्रदान किया।
रैली में एक ही स्वर बार बार गूँज रहा था।कि जो मेरे भोलेनाथ का नही वो मेरी जात का नही।अर्थात धर्मान्तरित(ईसाई, मुस्लिम)को अनुसूचित जनजाति सूची से बाहर किया जाये।