November 30, 2024

एक परिवार ऐसा जिसमें किसी की 24 तो किसी की 28 ऊँगलियाँ, योजनाओं से महरूम परिवार

बैतूल। बैतूल जिले के आठनेर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले कावला गांव में रहता है एक येवले परिवार। इस येवले परिवार के प्रत्येक सदस्य के जन्मजात आई एक समस्या इनके लिए अभिशाप बन गई है। इस परिवार में 25 सदस्य है। ये सभी सदस्य अपने शरीर के हाथ-पैरों की उंगलियों की संख्या अधिक होने के कारण समाज मे हंसी का पात्र बनकर रह गए। परिवार के प्रत्येक सदस्य के किसी के हाथ में छह उंगलियां हैं तो किसी के पैर में छह उंगलिया है। इस प्रकार येवले परिवार के प्रत्येक सदस्य के 24 से 28 तक उंगलियां हैं। सामान्यतः मनुष्य के पांच हाथ में और पांच पैर में उंगलियां होती हैं। इस प्रकार कुल 20 उंगलियां होती हैं। लेकिन येवले परिवार के प्रत्येक सदस्य के यहां पर उंगलियां अधिक हैं। जन्मजात आईं यह समस्या परिवार के लिए अभिशाप बन गई है।

स्कूल जाते थे बच्चे उड़ाते थे मजाक

कावला गांव में येवले परिवार बीते 40-50 वर्षो से इसी गांव में रह रहा है। इस परिवार में सभी सदस्यों की हाथ की उंगलियां 6-6 हैं वही पैरों की उंगलियों की बात जाय तो वो किसी सदस्य के पैरों में 6 तो किसी के पैर में 7 हैं। उंगलियां अधिक होने की वजह से परिवार के बच्चे ठीक तरह से शिक्षित नही हो पाए क्योंकि जब बच्चे स्कूल जाते थे तो साथी बच्चे उनके हाथ पैरों की ज्यादा उंगलियों को देखकर मजाक उड़ाया करते थे। इसलिए परिवार के बच्चो ने शर्मिन्दगी की वजह से पढ़ाई छोड़ दी। परिवार के एक दो बच्चे ने 10वी और 12वी कक्षा तक पढ़ाई की है लेकिन ये पढ़ाई भी इन लोगों को कोई सरकारी रोजगार नही दिला पाई। सरकारी योजनाओं की अगर बात की जाए तो आजतक इस परिवार का राशन कार्ड तक नही बना। घर बनाने के लिए जमीन का पट्टा भी नहीं मिल पाया है। परिवार का भरण पोषण का साधन कुछ मवेशी हैं। जिनका दूध बेचकर परिवार चलता है।

नाप के जूते तक नहीं मिल पाते

येवले परिवार के सदस्यों के 12 से 14 उंगलियां होने से उनके नाप के जूते-चप्पल भी नहीं मिल पाते। अधिक उंगलियों की वजह से ये बच्चे ठीक ढंग से दौड़ भी नही लगा सकते हैं। कुल मिलाकर हाथ और पैरों में इतनी अधिक उंगलियां देखकर लोग अपनी जिज्ञासा तो शांत कर लेते पर यह विकृति इस परिवार के सभी सदस्यों के लिए एक अभिशाप बनकर रह गई है। परिवार के सदस्यों ने सरकारी योजना का लाभ पाने के लिए स्थानीय सरपंच से लेकर हर तरफ गुहार लगा ली लेकिन आज तक इस परिवार के सदस्यों को सरकारी योजना का लाभ नही मिला।

इस सिस्टम से नाराज है पूरा परिवार

इस परिवार के बलदेश येवले बताते हैं कि 25 सदस्य वाले इस परिवार में सभी सदस्यों के हाथ और पैरों की उंगलियों की संख्या ज्यादा है। शिक्षण इसलिए नही पाया कि जब स्कूल जाते तो साथी बच्चे ज्यादा उंगलियां होने के कारण मजाक उड़ाया करते थे। परिजन संतोष येवले ने बताया कि परिवार के नौजवानों की हालात ये है कि जैसे तैसे दसवीं कक्षा तक तो पढ़ाई कर ली लेकिन अब सरकारी नौकरी नही मिल पा रही है। सेना में भी भर्ती के लिए गए लेकिन उंगलियों की वजह से मेडिकल में फेल कर दिया गया।

परिवार की महिला सदस्य सकु बाई का कहना है कि परिवार को इस गांव में रहते हुए कई वर्ष हो गए लेकिन आजतक राशन कार्ड तक नहीं बन पाया। कुल मिलाकर इस परिवार के साथ प्रकृति ने तो खिलवाड़ किया ही साथ ही प्रशासनिक मशीनरी ने भी इनकी कोई मदद नहीं की।

Written by XT Correspondent