November 30, 2024

मंकी मैन : वह जानता है बंदरों की बोली

आगर-मालवा, द टेलीप्रिंटर। आमतौर पर लोग बंदरों को देखकर दूर भागते हैं लेकिन एक शख्स ऐसा है जिसे बंदरो से बिल्कुल डर नहीं लगता। उसे बंदरों के साथ रहना अच्छा लगता है। वह एक इशारे या आवाज में बंदरों को अपने पास बुला लेता है।

हम बात कर रहे है आगर मालवा जिले के रहने वाले लोकेंद्र सिंह की। लोकेंद्र पेशे से शिक्षक है और झाबुआ के उत्कृष्ट स्कूल में पदस्थ है। इन्हें बचपन से ही बंदर और चिड़ियाओं से खासा प्यार है। नौकरी के बाद जब भी वक्त मिलता है तो जंगलों में पहुँचकर बंदरों से दोस्ती करने में जुट जाते।

आख़िरकार सालों की मेहनत के बाद लोकेंद्र ने बंदरों की भाषा और उनके हाव भाव सीख लिए। अब लोकेंद्र बंदरों को आवाज लगाते है या इशारा करते है तो बंदर उनके पास चले आते हैं। बंदर कभी उनके कंधे पर तो कभी गोदी में बैठ जाते हैं। लोकेंद्र बंदरों की बुद्धिमत्ता और उनकी धैर्यशीलता की परीक्षा भी लेते रहते है। ऐसा नहीं है कि लोकेंद्र किन्ही खास बंदरों के गुट से ही मिलते हो। वह समय की अनुकूलता के अनुसार अलग-अलग बंदरों के गुटों के साथ समय बिताते रहते है।

लोकेंद्र सिंह को 2018 में राज्यपाल से उत्कृष्ठ शिक्षक का पुरुस्कार भी मिल चुका है। पुरुस्कार मिलने के बाद लोकेंद्र तुरंत बंदरो के पास पहुंचे और उन्हें दिखाने लगे। उन्हें अपनी खुशियों के पल इन बेजुबान बंदरो के साथ बाँटना अच्छा लगता है। क्षेत्र के प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर में रहने वाले पुजारी मुकेश भी पिछले 5 सालों में लोकेंद्र सिंह को कई बार मंदिर प्रांगण में बंदरो के बीच देख चुके है। उन्हें देखकर वह भी बंदरो से डरना भूलकर अब उन्हें स्नेह करने लगे है।

Written by XT Correspondent