विदिशा। मध्यप्रदेश में किसानों के साथ खराब फसल के सर्वे के नाम पर कैदियों की तरह सलूक किया जा रहा है। विदिशा जिले में सरकारी महकमा किसानों के गले में अपराधियों की तरह पट्टी बांध कर खराब फसल का सर्वे करवा रहा है। आमतौर पर इस तरह का सलूक खूंखार या लिस्टेड गुंडों की पहचान के लिए पुलिस करती है। इलाके के किसानों में इस बात को लेकर खासी नाराजगी है। कलेक्टर के मुताबिक इस मामले में तुरंत रोक लगा दी गई है हालांकि उन्होंने इसके पीछे गलत उद्देश्य नहीं बताया।
मामला विदिशा जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर ग्यारसपुर से सटे मनोरा गाँव का है। यहां अतिवृष्टी से किसानों की फसले बर्बाद हो गई। पीडित किसान जब तहसीलदार के पास पंहुचे तो उन्होंने सर्वे कराने का फैसला लिया। प्रशासनिक दल किसानों के खेतों में पंहुचा और सर्वे के नाम पर किसानों के हाथों में कैदियों की तरह स्लेट पकडा कर उनकी तस्वीर खिंचवाई गई। फर्क इतना था कि इस स्लेट पर अपराध की जगह किसान का नाम, फसल का नाम, खसरा नंबर और जमीन के बारे में लिखा गया है।
किसानों ने प्रशासन के इस कृत्य को अमानवीय मानते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई। किसानों का कहना है कि इस तरह का बर्ताव आमतौर पर ऐसे कैदियों के लिए किया जाता है जो आदतन अपराधी होते हैं और पुलिस को उनकी पहचान के लिए रिकॉर्ड में फोटो रखना होती है। किसानों के साथ यह कृत्य बेहद शर्मनाक है।
विदिशा कलेक्टर कौशलेन्द्र सिंह ने टेलीप्रिंटर को बताया कि तहसीलदार ने पारदर्शिता के लिए यह प्रयोग किया था ताकि किसी तरह की मिलीभगत का आरोप नहीं लग सके और हकदार किसानों का वाजिब सर्वे हो सके। तहसीलदार का उद्देश्य गलत नहीं था लेकिन कुछ लोगों ने इसे नकारात्मक ले लिया। मैंने तुरंत ही इस तरह की तस्वीरों के साथ किसानों की फोटो नही लिए जाने के निर्देश दे दिए हैं।