एक्सपोज़ टुडे।
उज्जैन नगर निगम कमिश्नर के तीखे तेवर। निगम कमिश्नर ने अपर आयुक्त, उपायुक्त, सहायक आयुक्त, अधीक्षण यंत्री, सहायक लेखाधिकारी सहित समस्त 41 इंजीनियरों को जारी किया नोटिस।
नोटिस में लिखा है कि तीन दिन में अपनी अचल संपत्ति की जानकारी दें, अन्यथा जून माह का वेतन नहीं मिलेगा। नगर निगम कमिश्नर अंशुलगुप्ता के इस नोटिस से अधिकारी वर्ग में हड़कंप मच गया है। क्योंकि अधिकांश के पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है और इन्होंने वर्ष 2016 के बाद कभी अचल संपत्ति का विवरण शासन के समक्ष जमा नहीं किया। जबकि मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण आचरण नियम 1965 के उपनियम 19 (1) के अंतर्गत प्रत्येक लोक सेवक के लिए प्रत्येक वर्ष की अचल संपत्ति का विवरण जमा करना आवश्यक है।
अपर आयुक्त आदित्य नागर के हस्ताक्षर से जारी पत्र में यह भी लिखा है कि जानकारी ना देने पर सिविल सेवा आचरण नियम अंतर्गत विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। वेतन वृद्धि से भी वंचित कर दिया जाएगा। इस आदेश के बाद निगम के समस्त अधिकारी अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा बनाने लगे हैं। ब्यौरा तैयार करने में कुछ एक्सपर्ट निवेशकों की राय ले रहे हैं। याद रहे कि अचल संपत्ति से तात्पर्य उस संपत्ति से है जो एक स्थान से दूसरे स्थान नहीं ले जाई जा सकती। जैसे भूमि, भवन, मंदिर, खेत, बगीचा आदि।
नगर निगम लगातार कोर्ट में केस हार रहा है इसकी समीक्षा भी नगर निगम कमिश्नर अंशुल गुप्ता कर रहे हैं।