नरसिंहपुर। अच्छी फसल की आस लगे बैठे मक्का किसान दोहरी मार झेलने को मजबूर है। एक तरफ इल्ली फसल को बर्बाद कर रही है तो दूसरी तरफ पंछी मक्के की फसल को सफाचट कर रहे हैं। ऐसे में किसान भी पारंपरिक तरीकों से अपनी फसल को बचाने में लगा हुआ हैं।
यह तस्वीरें नरसिंहपुर जिले के किसानों की हैं। भारी बारिश के कारण सोयाबीन और धान की फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी है। अब किसानों को मक्के की फसल से ही उम्मीद है, लेकिन इस पर भी पक्षियों और इल्ली का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में किसान अपनी फसल को बचाने के लिए कभी भरमार में बारूद भरकर धमाके कर पंछियों को भगा रहे हैं तो कभी टिमकी के शोर से पक्षियों को अपने खेत में आने से रोक रहे हैं।
यहीं नहीं कई किसान दिन–रात गुलेल लेकर खेतों के आसपास रहकर पंछियों को भगाने पर मजबूर है। किसानों की इतनी मेहनत के बाद भी आधी से ज्यादा फसल नष्ट हो चुकी हैं। किसानों का कहना है कि पक्षी खासकर तोता और इल्ली पूरी मक्के की फसल को चट कर रहे हैं। आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे किसानों के लिए यह दोहरी मार किसी वज्रपात से कम नहीं हैं।
कृषि विज्ञान से जुड़े अधिकारी इल्लियों से फसल को बचाने के लिए किसानों को अनुदान पर कीटनाशक देने की बात कह रहे हैं, लेकिन पंछियों से छुटकारा पाने के उपाय उनके पास भी नहीं हैं।