September 23, 2024

जॉब ऑटोमेशन: पुरानी अवधारणा, रूप नया

लेखिका डॉअनन्या मिश्र, सीनियर मैनेजर – कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन एवं मीडियारिलेशन्सआईआईएम इंदौर

एक्सपोज़ टुडे।
पुष्पक
 विमान याद है? कुरुक्षेत्र में नारायणास्त्रसौभ विमाननिस्संदेह,सभी प्राचीन ग्रंथों से सम्बद्ध हैं किन्तु ये तकनीक के प्रयोग और ‘जॉबऑटोमेशन को प्रदर्शित करते हैं, है ?तकनीकी प्रगति की तीव्र गति ने आज दुनिया के कार्य करने के तरीके मेंएक महत्वपूर्ण बदलाव ला दिया है। जॉब ऑटोमेशनविशेष रूप सेवैश्विक कार्यबल में एक मूलमंत्र बन गया है। अत्याधुनिक तकनीकों केआगमन ने पारंपरिक कार्यस्थल को बदल दिया हैजिससे अधिक उन्नतऔर कुशल कार्य वातावरण विकसित होता दिखाई दे रहा है। अनुमानलगाया गया है कि 2030 तक 20 मिलियन से अधिक नौकरियांस्वचालित हो जाएंगी। भारत में भी परिदृश्य अलग नहीं है। इतनी बड़ीआबादी के साथजॉब ऑटोमेशन पारंपरिक कार्यस्थल को और अधिकउन्नत संस्करण में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लेकिन यहअवधारणा नई नहीं है।

जॉब ऑटोमेशन की जड़ें प्राचीन भारतीय पौराणिक कथाओंशास्त्रों औरमहाकाव्यों में देखी जा सकती हैंजहां कथित मशीनों और रोबोटों नेमहत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उदाहरण के लिएरामायण का पुष्पकविमान एक पहिये द्वारा स्वचालित और नियंत्रित था। महाभारत मेंहमकुरुक्षेत्र युद्ध में नारायणास्त्र और सौभ विमान जैसी उन्नत मशीनों काउपयोग देखते हैं। कहा जाता है कि राजा जनक के पास एक ऐसी मशीनथी जो अपने आप सूत कात सकती थीऔर वेदों में कपड़ा बुनने के लिएइस्तेमाल की जाने वाली मशीनों का उल्लेख है। अर्थशास्त्रचौथी शताब्दीईसा पूर्व में कौटिल्य द्वारा लिखि शासन कला पर एक ग्रंथकपड़ाउत्पादन और खनन जैसे विभिन्न उद्योगों में मशीनों के उपयोग पर चर्चाकरता है। कम से कम 1500 ईसा पूर्व के प्राचीन हिंदू शास्त्र वेदों में पानीया हवा से चलने वाली स्वचालित मशीनों के संदर्भ हैंजिनका उपयोगसिंचाई और अन्य कृषि गतिविधियों में किया जाता था। ये प्रारंभिकभारतीय ग्रंथ बताते हैं कि जॉब ऑटोमेशन की अवधारणा हजारों वर्षों सेभारत में मौजूद है और इसे दक्षता और उत्पादकता में सुधार के साधन केरूप में देखा गया था। इसके अलावावे तकनीकी नवाचार के महत्व औरप्राचीन भारतीय समाज के िकास में इसकी भूमिका पर प्रकाश डालतेहैं।

जॉब ऑटोमेशन पूरे इतिहास में विभिन्न रूपों में अस्तित्व में रहा हैजोग्रीसचीन और मिस्र जैसी प्राचीन सभ्यताओं से जुड़ा है। प्राचीन ग्रीस मेंमिलिंग और बुनाई जैसे विभिन्न उद्योगों में वाटरव्हील्स और अन्य मशीनों व्यापक उपयोग ने अधिक स्वचालन की अनुमति दी। प्राचीन चीन मेंक्रैंक हैंडल और बेल्ट ड्राइव के आविष्कार से परिष्कृत पानी से चलने वालीमशीनों का विकास हुआजो रेशम और अन्य वस्त्रों के उत्पादन कोस्वचालित करती थीं। इस बीचप्राचीन मिस्र मेंशादुफ़ और साकियाजैसी सरल मशीनों के उपयोग ने सिंचाई और कृषि कार्य में अधिक दक्षतादी। सभ्यताओं ने हमेशा प्रौद्योगिकी के माध्यम से उत्पादकता और दक्षतामें सुधार के तरीके खोजे हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसमशीन लर्निंग और रोबोटिक्स जैसी आधुनिकतकनीकों के आने से जॉब ऑटोमेशन अधिक परिष्कृत और कुशल होगया है। संगठन अपने संचालन को सुव्यवस्थित करनेराजस्व बढ़ाने औरग्राहकों की संतुष्टि में सुधार करने के लिए तेजी से इन तकनीकों कोअपना रहे हैं। उदाहरण के लिएकई खुदरा स्टोर अब स्वचालितचेकआउट सिस्टम का उपयोग कर रहे हैंजिससे मानव कैशियर कीआवश्यकता पहले से कम गयी है। इसी तरहकई कंपनियां ग्राहकों केप्रश्नों और समर्थन को संभालने के लिए चैटबॉट्स को अपना रही हैं।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक हालिया अध्ययन में पाया गया किअगले 20 वर्षों में कुल अमेरिकी रोजगार का लगभग 47% स्वचालित होनेकी ‘शंका है। अध्ययन से यह भी पता चलता है कि स्वास्थ्यशिक्षा औरकला जैसे सामाजिक और भावनात्मक कौशल की आवश्यकता वालीनौकरियों के स्वचालित होने की संभावना कम है। नवीनतम प्रौद्योगिकियांसंगठनों को अपने संचालन में सुधार करनेदक्षता बढ़ाने और लागत कमकरने का एक अनूठा अवसर प्रदान कर रही हैं। आधुनिक समय मेंआर्टिफिशियल इंटेलिजेंसमशीन लर्निंग और रोबोटिक्स जैसी नवीनतमतकनीकें संगठनों को अपनी दक्षता विकसित करने और बढ़ाने में मदद कररही हैं। कंपनियां अब नियमित कार्यों को स्वचालित करने में सक्षम हैंअपने कार्यबल को उच्चमूल्य वाले कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिएमुक्त कर रही हैं। नतीजतनवे सुधार करने और अपने राजस्व में वृद्धिकरने में सक्षम हैं। उदाहरण के लिएएक्सेंचर के एक अध्ययन में पायागया कि ऑटोमेशन 2035 तक भारत की जीडीपी को 1.7% तक बढ़ासकता है।

जॉब ऑटोमेशन एक ऐसा चलन है जो बना रहेगा और काम के भविष्य कोआकार देना जारी रखेगा। हालांकि यह पारंपरिक नौकरियों को बाधितकर सकता हैलेकिन इसमें नई और उच्चकौशल वाली नौकरियों केसृजन की भी क्षमता है। यह स्वचालन दक्षता और उत्पादकता बढ़ा सकताहैजिससे अन्य क्षेत्रों में उच्च आर्थिक विकास और रोजगार सृजन होसकता है। ऑटोमेशन दोहराए जाने वाले और खतरनाक कार्यों को लेकरकुछ उद्योगों में कुशल श्रम की कमी को दूर करने में मदद कर सकता हैश्रमिकों को अधिक कुशल और मूल्यवर्धित कार्यों पर ध्यान केंद्रित करनेके लिए मुक्त कर कता है। स्वचालन तकनीकी नवाचार भी ला सकता हैजो भारतीय नागरिकों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है औरस्वास्थ्य देखभालशिक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में प्रगतिकरता है। इसके अलावाजैसेजैसे भारतीय अर्थव्यवस्था का विकासजारी रहेगाअत्यधिक कुशल श्रमिकों की मांग बढ़ेगीभारतीय श्रमिकोंको प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अधिक उन्नत भूमिकाओं में अपस्किलऔर संक्रमण के अवसर प्रदान होंगे। इसलिएऑटोमेशन को बाधा बननेके बजाय भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और इसके नागरिकों केजीवन को बेहतर बनाने के लिए एक मूल्यवान उपकरण के रूप में देखा जासकता है।

Written by XT Correspondent