November 30, 2024

रक्तदान, नेत्रदान और देहदान की जागरूकता के लिए लगातार बोलने का रिकॉर्ड बनाने के करीब

विदिशा। एक शख्स ने देहदान, नेत्रदान और रक्तदान के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार बोलने के रिकॉर्ड को तोड़ने की जिद पकड़ ली है। उन्होंने अब 78 घंटे से अधिक समय का सफ़र पूरा भी कर लिया है। दो घंटे बाद वे नेपाल के रिकॉर्ड को तोड़कर सबसे ज़्यादा समय तक लगातार बोलने वाले व्यक्ति के रूप में पूरी दुनिया में पहचाने जा सकेंगे। रिकॉर्ड तोड़ने के इस मंच से वे लगातार लोगों को देहदान, नेत्रदान और रक्तदान के साथ ज़रूरतमंद लोगों की सहायता के लिए अनुपयोगी कपड़े, स्कूली किताबें और चिकित्सकीय उपकरण भी दान देने का आग्रह कर रहे हैं। प्रदेश सहित देशभर में लोग उनके इस मिशन के सफल होने के लिए दुआएँ कर रहे हैं। इन 80 घंटों में 36 नेत्रदान, 27 देहदान के संकल्प और 46 रक्तदान सहित करीब ढाई सौ लोगों ने अपने घरों में अनुपयोगी वस्त्र, किताबें और चिकित्सीय उपकरण ज़रुरतमंदों के उपयोग के लिए उन्हें दान में दिए हैं।

मध्यप्रदेश के विदिशा में समाजसेवा करने वाले शख्स विकास पचौरी अपने सेवा कार्यों में एक नया आयाम जोड़ने की तैयारी कर रहे हैं, वे गत 30 सितंबर की दोपहर बारहबजे से दान के महत्त्व पर व्याख्यान दे रहे हैं। इस तरह लगातार बोलते हुए वे देहदान, रक्तदान और नेत्रदान के महत्त्व और इसके फायदे तथा ज़रूरत के बारे में जानकारी दे रहे हैं। यहाँ उन्होंने दान मेले का भी आयोजन किया है जिसमें लोग वस्त्रदान, किताबदान और घरों में अनुपयोगी पड़े चिकित्सा उपकरणों को भी दान कर रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा समय तक बोलने के एक नए रिकॉर्ड को दर्ज़ किया जा सके, अब तक भारत में सर्वाधिक समय तक लगातार बोलने का रिकॉर्ड 79 घंटे का है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 80 घंटे 6 मिनट बोलने का रिकॉर्ड नेपाल के एक व्यक्ति ने बनाया था, विकास पचौरी इस रिकॉर्ड को तोड़ने के जुनून में लगे हुए हैं।

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के नियमानुसार हर एक घंटे में उन्हें पांच मिनिट का ब्रेक मिल सकता है। लेकिन उन्होंने 55 घंटे में सिर्फ़ दो बार तीन घंटे का ब्रेक लिया है। उसी दौरान थोड़ी देर के लिए सोए थे और उतनी ही देर उनका बोलना रूका था। एसडीएम प्रवीण प्रजापति ने भी पचौरी के वक्तव्य सुनने के बाद स्वेच्छा से अपना देहदान का संकल्प पत्र भरा। वूमन्स ग्रुप की महिलाओं ने भी उनका उत्साहवर्धन कर बड़ी संख्या में वस्त्र, किताबें, चिकित्सीय उपकरण, खेल खिलौने आदि भी दान किए. इसके अलावा ग्रुप की कई सदस्यों ने नेत्रदान और देहदान के संकल्प पत्र भरे। आधा दर्जन सदस्यों ने रक्तदान किया।

विकास पचौरी यह दोहराया कि उनका उद्देश्य सिर्फ़ रिकार्ड तोडऩा या नया रिकार्ड बनाना नहीं है। इसके साथ वे जिन बिंदुओं पर दान के लिए लोगों से अपेक्षाएँ कर रहे हैं, वह सफल होता दिखाई दे रहा है। कई लोगों ने नेत्रदान, देहदान का संकल्प पत्र भरा तो दर्जनों लोगों ने रक्तदान कर दिया। वस्त्रों की भीड़ रही है। किताबें और चिकित्सीय उपकरण भी लगातार दान स्वरूप आ रहे हैं। यह भी किसी रिकार्ड से कम नहीं है। सांसद रमाकांत भार्गव भी विकास की हौसला अफजाई करने पहुंचे।

Written by XT Correspondent